भारत के 10 सीरियल किलर | India's top 10 serial killers | serial killers in India

सीरियल किलर अथवा सिलसिलेवार क़ातिल आम तौर पर ऐसा व्‍यक्ति होते है जो कि असामान्य मनोवैज्ञानिक संतुष्टि के लिए तीन या तीन से ज़्यादा लोगों को क़त्ल करता है।

हालाँकि आम तौर सिलसिलेवार क़त्ल का मक़्सद मनोवैज्ञानिक संतुष्टि होता है और ज़्यादातर सिलसिलेवार क़त्लों में पीड़ित के साथ यौन संपर्क शामिल होता है। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन का मानने है कि सिलसिलेवार क़ातिलों के इरादों में गुस्सा, रोमांच की तलाश, माली फ़ाएदा शामिल हो सकते हैं। सभी हत्याओं की कोशिशें या नतीजे एक जैसे जो सकते हैं। आज हम भारत के शीर्ष 10 सीरियल किलर (Top 10 serial killer in India) के बारे में जानते है। जिन्‍होनें भारत के लोगों में दहशत में डाल दिया।

 १. मोहन कुमार/सायनाइड मोहन (Mohan Kumar/Cyanide Mohan)

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मोहन कुमार को सायनाइड मोहन इसलिए कहा गया, क्योंकि उसने सभी हत्याओं में सायनाइड का इस्तेमाल किया था। मोहन लड़कियों को शादी का झांसा देकर अपनी जाल में फंसाता था, उनसे शादी कर शारीरिक संबंध बनाता और फीर गर्भनिरोधक गोली के नाम पर सायनाइड की गोलियां लिखा देता। जिससे उन लाड़कीयों की तड़प-तड़प कर माैत हो जाती।

सीरियल किलर मोहन ने 2003 से 2009 के बीच कर्नाटक में 20 से अधिक महिलाओं को मौत के घाट उतारा था। साल 2013 में मंगलौर की फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा उसे 20 महिलाओं की हत्या का दोषी पाया गया और फांसी की सजा सुनाई। 


२. देवेंद्र शर्मा (Devendra Sharma)


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देवेंद्र शर्मा एक आयुर्वेदिक दवाओं का डॉक्टर था जो लगातार अतिरिक्त कमाई के अन्य तरीकों की तलाश में था। इसलिए, उसने 2002 और 2004 के बीच यूपी, गुड़गांव और राजस्थान के आसपास के इलाकों से कई ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों को लूटपाट की और मार डाला।

कहा जाता हैं कि उसने लगभग 100 लोगों की हत्या की और इनमें से कइयों को उसने मगरमच्छों को खिला दिया। 2004 में देवेंद्र शर्मा पकड़ा गया और 16 साल जयपुर जेल में रहा। फिर अच्छे बर्ताव के लिए देवेंद्र को जनवरी 2020 को 20 दिन की परोल मिली। लेकिन वह भाग गया और अंडर ग्राउंड हो गया था।


३. चार्ल्स शोभराज ''बिकनी किलर''(Charles Sobhraj "Bikini Killer")


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चार्ल्स शोभराज सीरियल किलर अपराध की दुनिया में आज भी 'द सर्पेंट' और 'बिकनी किलर' जैसे नामों से जाना जाता है। चार्ल्स शोभराज ठग विद्या की कला का जानकार एवं कई भाषाओं ज्ञान रखता था, क्‍योंकि इससे उसे शिकार को अपने फंदे में फंसाने में मदद मिलती थी। उसे खासकर विदेशी महिलाएं पसंद थीं, वे उन्‍हें अपनी जाल में फंसकर उनका शिकार करता और जहर दे कर मौद के घाट उतार देता।

चार्ल्स शोभराज ने 70 और 80 के दशक में 12 से ले कर 24 हत्याएं की लेकिन सच में उसने कितने लोगों को मारा यह उसे ही पता होगा।  जेल से भागने में वह माहिर था 16 मार्च 1986 को चार्ल्स शोभराज दिल्ली की अति सुरक्षित समझी जानी वाली तिहाड़ जेल भी उसे रोक न पाई वह वहॉं से भी भाग निकला। उसे भारत में पकड़ा गया, जहां वह 1976 से 1997 तक जेल में रहा। उसके बाद में 2004 में उसे नेपाल में गिरफ्तार किया गया।


४. एम जयशंकर (M Jaishankar)


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कुख्यात सीरियल किलर एम जयशंकर पर 30 महिलाओं के साथ रेप और 15 महिलाओं की हत्या का आरोप था। जयशंकर पर 2008 और 2011 के दौरान कई बलात्कार और हत्याओं का आरोप लगाया गया। वह पेशे से ट्रक ड्राइवर था। ऐसा माना जाता है कि वह तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 30 बलात्कार, 15 हत्या और डकैती के मामलों में शामिल था। वह हमेशा अपने साथ काले बैग में एक हथियार होता था। रेप करने के बाद वह उसी से हत्या करता था।

6 सितंबर 2013 को पकड़े जाने से पहले पुलिस ने उसे दो बार गिरफ्तार किया, लेकिन वह जेल से भागने में सफल हो जाता था। बाद में उसे गिरफ्तार कर बैंगलोर में जेल में डाल दिया गया जहां उसने 2018 में आत्महत्या कर ली।


५. रमन राघव (Raman Raghav)


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रमन राघव एक सिजोफ्रेनिक सीरियल किलर था जिसके द्वारा ४० से अधिक लोगों की हत्या की बात का माना गया था। रमन राघव को 'साइको रमन' भी जाना जाता है। वह 1960 के दशक में मुंबई की झुग्गी बस्तियों एवं रोड किनारे रहने वालों के सर पर पत्‍थर या लाठी मारकर हत्‍या कर देता था।   27 अगस्त 1968 को रमन राघव को गिरफ्तार कर लिया गया। 

जब उसे गिरफ्तार किया गया, दिमागी रूप से बीमार होने के कारण उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया। इसके बाद उसे पुणे की यरवदा जेल में भेज दिया गया। साल 1995 में रमन राघव की किडनी की बीमारी के चलते सस्सून अस्पताल में मौत हो गई।


६. ऑटो शंकर (auto shankar)


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1955 में तमिलनाडु के वेल्लूर में जन्मा गौरी शंकर रोजगार की तलाश में चेन्नई आया। डांस, पेंटिंग, शराब और फिल्मों का शौकीन गौरी शंकर चेन्नई पहुंचकर पेंटिंग का काम करने लगा। 1980 में गौरी शंकर ऑटो चलाने के साथ-साथ शराब तस्करी करता और वेश्याओं को लाने-ले जाने का काम भी करता था। 

साल 1988 में हड़कंप मचा गया जब शहर में 9 लड़कियों गायब हो गई। उसी साल दिसंबर में एक स्कूली छात्रा ने शिकायत की कि एक ऑटो-रिक्शा चालक ने उसके साथ मारपीट और अपहरण करने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस गौरी शंकर को पकड़ा तब पता चला कि वह इन लड़कियों का अपहरण कर लेता, उन्हें मार डालता और जलाकर राख को बंगाल की खाड़ी में गिरा देता। 

गिरफ्तार ऑटो शंकर को 6 कत्ल के मामले में 31 मई 1991 को मौत की सजा सुनाई और साल 1995 में फांसी पर लटका दिया गया था।


७. निठारी किलर्स/सुरिंदर कोली (Surendra Koli)


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साल 2006 में नोएडा का निठारी गांव, कोठी नंबर डी-5 से जब नरकंकाल मिले, तो पूरे देश में सनसनी फैल गई। तब कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेंद्र कोली को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तब खुलासा हुआ कि, कोली बच्चों के बलात्कार, अंग तस्करी, बाल शोषण और इंसानी मांस खाता था। कोली को पांच हत्याओं का दोषी पाया गया है।

सुरेंद्र कोली वर्तमान में जेल में है। उसको सजा-ए-मौत मिली है, जो कि होल्ड है। वहीं पंढेर आजाद हो चुका है।


८. रेणुका शिंदे व सीमा गवित (Renuka shinde and Seema gavit)


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रेणुका शिंदे और बहन सीमा गवित दोनों बहनों ने कई मासूम बच्चों का अपहरण करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया। ये दोनों मासूम बच्चों का अपहरण करके उनसे चोरी कराती थी और जब जो बच्चे इनके काम नहीं आते थे, उन्हें मार डालती थी। सन 1900 से 1996 के बीच उन्होंने 06 बच्चों का खून भी किया। जुर्म कबूल करने पर उन्होंने कहा था कि हमें यह तक याद नहीं कि इससे पहले वे कितने बच्चों को मार चुकी हैं। अब वे अपनी मौत की सजा का इंतजार कर रही हैं।


. मल्लिका (Mallika)


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बेंगलुरू में रहने वाली मल्लिका ने 1999 से 2007 के बीच छ: औरतों का खून किया। वह ऐसी माहिलों को अपना शिकार बनाती जो घरेलू हिंसा झेल रही हो तथा ऐसे मिडिल क्लास महिलाओं की हमदर्द बनने का नाटक करती और फिर उन्हें साइनाइड खिला कर मार डालती थी। उनका सारा सामान लूट ले जाती थी। 2007 में उसे ग‌िरफ्तारी हुई कर लिया गया और 2012 में इसे मौत की सजा सुनाई गई जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दीया गया।


१०. बीयर मैन रविंद्र कांतरोल (Beer Man Ravindra Kantrol)

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वर्ष 2006 में मुंबई में अजीब घटना सामने आने लगी। अचानक पुलिस को लास मिलने लगी, और इन सब लासों में एक बात कॉमन थी कि सबके पास बीयर की खाली बोतल मिलती थी इस कारण इस कातिल को ‘बीयर मैन’ का नाम दिया गया। 22 जनवरी को 2007 को रविंद्र कांतरोल नाम के शख्स को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया। नार्को टेस्ट में उसने 15 हत्याओं की बात कबूली। जब कातिल से कत्‍ल का करण पूछा गया तो इस उसने इतना ही कहॉं, मुझें उसे खून से प्यार है।
जनवरी, 2009 में एक कत्ल के आरोप में उम्रकैद मिली। इसके बाद सितंबर, 2009 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में रविंद्र कांतरोल को बरी कर दिया।