राजभाषा (Official Language) हिंदी की संवैधानिक स्थिति

 राजभाषा, किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि किसी राज्य या देश के सभी राजकीय प्रयोजन अर्थात् सरकारी काम-काज में प्रयोग होती है।  14 सितम्बर, 1949 ई० को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अंतर्गत देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा राजभाषा (Official Language) घोषित किया गया है।

राजभाषा किसे कहते हैं


भारतीय संविधान के भाग-17 में अनुच्छेद 343-351 तक राजभाषा का संविधान में प्रावधान किया गया है तथा संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई है। जो निम्न है-

1. असमिया

2. बंगला

3. नोडो

4. डोगरी

5. गुजराती

6. हिन्दी

7. कन्नड़

8. कश्मीरी

9. कोंकणी

10. मैथिली

11. मलयालम

12. मणिपुरी

13. मराठी

14. नेपाली

15. उड़िया

16. पंजाबी

17. संस्कृत

18. सन्थाली 

19. सिन्धी

20. तमिल

21. तेलगु

22. उर्दू।


मूल संविधान में 14 भाषाएँ थीं। संविधान (21वाँ संशोधन) अधिनियम, 1967द्वारा सिन्धी के जोड़े जाने पर यह संख्या 15 हो गई थी। 71वें संशोधन अधिनियम 1992 से कोंकणी, नेपाली और मणिपुरी को सम्मिलित कर दिए जाने पर यह संख्या 18 हो गई है। 92वें संशोधन अधिनियम 2003 ने इसमें बोडो, डोगरी, मैथिली और सन्थाल को सम्मिलित कर दिया गया है। जिससे अब यह संख्या बढ़कर 22 हो गई है।


संविधान में हिंदी भाषा सम्बन्धी उपबन्ध

अनुच्छेद 343 : इस अनुच्छेद में कहा गया है कि भारत संघ की भाषा हिन्दी और लिपी देवनागरी होगी तथा संघ के सरकारी कायों में भारतीय अंकों का रूप अंतराष्ट्रीय रूप होगा।

अनुच्छेद 344: राजभाषा आयोग के गठन होगा। जो संविधान के प्रारंभ से 5 और 10 वषों के खत्म होने पर देश के राष्ट्रपति हिन्दी के विकास और प्रयोग का जायजा लेने के लिए आयोग का गठन करेंगे। 

अनुच्छेद-345: किसी राज्य का विधान मंडल अपने राज्य में सरकारी प्रयोजन के स्थानीय भाषा/भाषाओं या हिन्दी को अपनाएंगे। जब तक कानून द्वारा कोई प्रबंध नहीं किया जाता है तब तक राज्य में अंग्रेजी पहले की तरह सरकारी कामों में प्रयोग होती रहेगी।

अनुच्छेद 346: केंद्र और राज्यों के बीच संचार की भाषा संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए उस समय जो भाषा मौजूद रहेगी वही भाषा राज्य और संघ के बीच संपर्क भाषा रहेगी। यदि दो या अधिक राज्य आपसी सहमति से पत्राचार में हिन्दी का प्रयोग करना चाहें तो कर सकते हैं।

अनुच्छेद 347: यदि किसी राज्य की जनसंख्या का पर्याप्त भाग मांग करे कि उस जनसमुदय द्वारा बोली जाने वाली भाषा को शासकीय मान्यता प्रदान करने की मांग की जाती है तो राष्ट्रपति उस भाषा को राज्य के सभी या कुछ कामों के लिए मान्यता देने के आदेश दे सकते हैं।

अनुच्छेद 348: जब तक संसद विधि द्वारा उपबंध न करें, तब तक इसमें उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में कार्यवाही अंग्रेजी में होगी। केंद्र और राज्यों के सभी विधेयक, संशोधनों, अधिनियम, आदेश, अध्यादेशों आदि का पाठ अंग्रेजी भाषा में ही होगा।

अनुच्छेद-349: संविधान में प्रारंभ से 15 वर्ष की अवधि के दौरान हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही अंग्रेजी के अलावा किसी अन्य भाषा में करने के लिए कोई संशोधन लोकसभा तथा राज्यसभा में राष्ट्रपति की पूर्वानुमति से ही लाया जाएगा।

अनुच्छेद-350: कोई भी व्यक्ति अपनी परेशानिओं के लिए संघ या राज्य के किसी भी अधिकारी को उस समय इस्तेमाल होने वाली राजभाषा में आवेदन दे सकता है. 

(क) किसी राज्य के भाषायी अल्पसंख्यक वर्गों के बच्चों को उनकी मातृ भाषा में प्राथमिक स्तर में शिक्षा देने की व्यवस्था की जाए।

(ख) भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए राष्ट्रपति एक विशेष अधिकारी नियुक्त करेगा। जो राष्ट्रपति को भाषायी हितो की रक्षापायो से संबंधित प्रतिवेदन देगा।

अनुच्छेद-351: संघ का यह कर्तव्य होगा की वह हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार करें तथा हिंदी भाषा के विकास की समस्त जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।


राजभाषा  (Official Language) से संबंधित महत्‍वपूर्ण प्रश्‍नोत्‍तर:-

प्रश्‍न: राजभाषा से आप क्या समझते हैं?

उत्‍तर: राजभाषा, किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि किसी राज्य या देश के सभी राजकीय प्रयोजन अर्थात् सरकारी काम-काज में प्रयोग होती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अंतर्गत देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है।


प्रश्‍न: राजभाषा कितनी है?

उत्‍तर: भारत के संविधान के भाग XVII में अनुच्छेद 343 से 351 राजभाषा से सम्बंधित है। वर्तमान में भारतीय संविधान की आठवीं सूची में 22 भाषाएँ वर्णित हैं


प्रश्‍न: राजभाषा का दूसरा नाम क्या है?

उत्‍तर: राजभाषा को अन्य नामों जैसे "राष्ट्रभाषा", "सम्पर्क भाषा", "मातृभाषा", "प्रादेशिक भाषा", "जनभाषा" आदि से भी जाना जाता है।


प्रश्‍न: राजभाषा कब पारित हुई?

उत्‍तर: संविधान सभा में 14 सितम्बर सन् 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा स्वीकारा किया गया। संविधान में अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा के संबधी प्रावधान हैं।


प्रश्‍न: राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन है?

उत्‍तर: राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष "बाल गंगाधर खेर" हैं।


प्रश्‍न: हमारी मातृ भाषा कौन सी है?

उत्‍तर: हिंदी हमारी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा और राजभाषा है।