रिपोर्ताज क्या है? इसका अर्थ, विशेषता व प्रमुख रिपोर्ताज

रिपोर्ताज का अर्थ: रिपोर्ट के रूप में घटनाओं का विवरण, क्रमिक घटना वर्णन से पूर्ण साहित्यिक रचना।


रिपोर्ताज क्या है? : रिपोर्ताज फ्रांसीसी भाषा का शब्द है। जिस काव्‍य रचना में वर्ण्य विषय का आँखों देखा तथा कानों सुना ऐसा विवरण प्रस्तुत किया जाता है, जिससे पाठक का हृदय भाव-विभोर हो जाए और वह उसे भूल न सके उसे रिपोर्ताज कहते हैं। रिपोर्ताज में तथ्यों को कलात्मक व प्रभावी ढंग से व्यक्त किया जाता है। 

रिपोर्ताज का उद्भव 1939 ई. में हुआ। हिन्दी में रिपोर्ताज लेखन की परम्परा शिवदान सिंह चौहान की रचना 'लक्ष्मीपुरा' (1938) से शुरू हुई। 


रिपोतार्ज की परिभाषा

महादेवी वर्मा के अनुसार:-

    "रिपोर्ट या विवरण से संबंध रिपोर्ताज समाचार युग की देन है और उसका जन्म सैनिक की खाईयों में हुआ है। रिपोर्ताज का विकास रूस में हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध के समय इलिया एहरेन वर्ग को रिपोर्ताज लेखक के रूप में विशेष प्रसिद्धि मिली।


डॉ. भगीरथ मिश्र के अनुसार:-  

    "किसी घटना या दश्य का अत्यंत विवरणपूर्ण सूक्ष्म, रोचक वर्णन इसमें इस प्रकार किया जाता है कि वह हमारी आंखों के सामने प्रत्यक्ष हो जाए और हम उससे प्रभावित हो उठें।"


शिवदान सिंह चौहान के अनुसार:-

    "आधुनिक जीवन की द्रुतगामी वास्तविकता में हस्तक्षेप करने के लिए मनुष्य को नई साहित्यिक रूप विधा को जनम देना पड़ा। रिपोर्ताज उन सबसे प्रभावशाली एवं महत्वपूर्ण विधा है।"


रिपोर्ताज की विशेषताएँ 

रिपोर्ताज की विशेषताऍं निम्‍न है:- 
१. रिपोर्ताज निबन्ध की श्रेणी में आते हैं कथा, साहित्य अथवा जीवन के क्षेत्र में नहीं ।
२. रिपोर्ताज का मुख्‍य उद्देश्य सामूहिक प्रभाव उत्पन्न करना होता है।
३. रिपोर्ताज पढ़कर ऐसा लगना चाहिए, मानो वह घटना को प्रत्यक्ष अपनी आँखों से देख रहा है ।
४. रिपोर्ताज में घटना के सभी पात्रों का चित्रण होना चाहिए, तभी वह प्रभावपूर्ण सिद्ध हो सकेगा।

५. रिपोर्ताज लिखते समय लेखक को वर्ण्य-वस्तु अथवा घटना का पूर्ण वर्णन ज्ञात होना चाहिए।
६. रिपोर्ताज में वर्णित घटना अथवा दृश्य काल्पनिक न होकर वास्तविक होता है।
७. रिपोर्ताज अत्यधिक रोचक तथा मनोरंजक एवं विवरणात्मक शैली में लिखा जाता है ।
८. यह किसी दृश्य अथवा चरित्र का नहीं, बल्कि किसी विषय का होता है।

रिपोर्ताज के उदाहरण


कुछ महत्त्वपूर्ण रिपोर्ताज इस प्रकार हैं
S.No. लेखक रिपोर्ताज का नाम
1 शिवदान सिंह चौहान लक्ष्‍मीपुरा, मौत के खिलाफ जिन्‍दगी की लड़ाई
2 रांगेय राघव तूफानों के बीच (1941)
3 प्रकाश चन्‍द गुप्‍त स्‍वराज्‍य भवन, अल्‍मोड़े का बाजार, बंगाल का अकाल
4 उपेन्‍द्रनाथ अश्‍क पहाड़ों में प्रेममय संगीत
5 रामनारायण उपाध्‍याय गरीब और अमीर पुस्‍तकें (1958), नववर्षांक समारोह में
6 शिवसागर मिश्र वे लड़ेंगे हजार साल (1966)
7 धर्मवीर भारती युद्ध यात्रा (1972)
8 कन्‍हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' क्षण बोले कण मुस्‍काए
9 शमशेर बहादुर सिंह प्‍लाट का मोर्चा (1952)
10 फणीश्‍वरनाथ रेणु ऋणजल धन जल (1977), नेपाली क्रांति कथा (19778), श्रुत-अश्रुत पूर्व (1984), एकलव्‍य के नोट्स
11 विवेकी राय जुलूस रूका है (1977), बाढ़! बाढ़!! बाढ़!!!
12 डॉ. भगवतश्‍रण उपाध्‍याय खून के छींटे
13 रामकुमार वर्मा पेरिस के नोट्स
14 निर्मल वर्मा प्राग : एक स्‍वप्‍न
15 सती कुमार क्‍या हमने कोई षड्यंत्र रचा था?
16 श्रीकांत वर्मा मुक्ति फौज
17 कमलेश्‍वर क्रांति करते हुए आदमी को देखना
18 चंडी प्रसाद सिंह युवराज की यात्रा (1897)