विशेषण किसे कहते हैं? इसकी परिभाषा, भेद व उदाहरण | Visheshan in hindi

विशेषण किसे कहते हैं?:- वह शब्‍द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाताहो उस शब्‍द को हम विशेषण कहते है। विशेषण का प्रयोग में वाक्‍यों में संज्ञा के गुण, दोष, संख्‍या या परिणाम का बतलाने के लिए करते है। उदाहरण के लिए कला कुत्‍ता। इस वाक्‍य में कुत्‍ते कि विशेषता यह है कि वह काला है। अत: वह हम संज्ञा अर्थात कुत्‍ता की विशेषता दर्शा रहा है जो कि काला है। 

विशेषण किसे कहते हैं? इसकी परिभाषा, भेद व उदाहरण


    आज हम इस पोस्‍ट के माध्‍यम से जानेंगे कि विशेषण क्‍या है?, विशेेेषण के भेद, विशेषण की परिभाषा तथा विशेषण के उदाहरण के माध्‍यम से समझाने की कोशिश करेंगे। तो आइयें विशेषण का जानते है-  


विशेषण की परिभाषा

संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। विशेषण एक विकारी शब्द है। जैसे – भारी, सुन्दर, बड़ा, काला, लंबा, दयालु, एक, दो, कायर, टेढ़ा-मेढ़ा आदि।

जिस शब्द (संज्ञा या सर्वनाम) की विशेषता बतायी जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। 

जैसे- सीता सुन्दर है। 

इसमें सुन्दर विशेषण है और सीता विशेष्य है।

 

विशेषण के भेद   

विशेषण के 4 प्रकार हैं-

  1.     गुणवाचक विशेषण
  2.     संख्यावाचक विशेषण
  3.     परिमाणवाचक विशेषण
  4.     सार्वनामिक विशेषण


 1. गुणवाचक विशेषण (Gunvachak Visheshan)

''जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रूप, रंग आदि का बोध होता है, उसे गुण वाचक विशेषण कहते हैं।''

किसी वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम के गुण, दोष, रंग, रूप, आकार, स्वभाव, समय, स्थान या दशा आदि का बोध करवाने वाले शब्दों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं। गुणवाचक विशेषण का शाब्दिक अर्थ गुण बताने वाला होता है। गुणवाचक विशेषणों की संख्या निश्चित नहीं है।

जैंसे:-

  •     बगीचे में सुंदर फूल हैं।
  •     धरमपुर स्वच्छ नगर है।
  •     स्वर्गवाहिनी गंदी नदी है।
  •     स्वस्थ बच्चे खेल रहे हैं।

उपर्युक्त वाक्यों में सुंदर, स्वच्छ, गंदी और स्वस्थ शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। गुण का अर्थ अच्छाई ही नहीं, किन्तु कोई भी विशेषता। अच्छा, बुरा, खरा, खोटा सभी प्रकार के गुण इसके अंतर्गत आते हैं।


गुणवाचक विशेषण के प्रकार:-

    समय संबंधी- नया, पुराना, ताजा, भूत, भविष्य, अगला, पिछला आदि।

    स्थान संबंधी– लंबा, ऊँचा, नीचा, सीधा, चौड़ा, बाहरी आदि।

    आकार संबंधी– गोल. चौकोर, सुडौल, पोला, सुंदर आदि।

    दशा संबंधी- दुबला, मोटा, भारी, गाढ़ा, पतला, गीला, गरीब, पालतू आदि।

    वर्ण संबंधी– लाल, पीला, बैंगनी, सुनहरी, नीला, हरा, काला, आदि।

    गुण संबंधी– भला, उचित, अनुचित, बुरा, पाप, झूठ, सुन्दर, श्रेष्ठ, आदि।

    संज्ञा संबंधी– मुंबईया, बनारसी, लखनवी आदि।

    दोष संबंधी- बुरा, खराब, उदंड, जहरीला आदि। 

    रंग संबंधी- काला, गोरा, पीला, नीला, हरा आदि।

    गंध संबंधी- खुशबूदार, सुगंधित आदि।

    स्पर्श संबंधी- कठोर, कोमल, मखमली आदि।

    स्वाद संबंधी- खट्टा, मीठा, कसैला, नमकीन आदि।


गुणवाचक विशेषण के कुछ अन्य उदाहरण:- 

  • इंदौर एक स्वच्छ नगर है।
  • हीरा एक कठोर धातु हैं।
  • राम इस कक्षा का सबसे अच्‍छा लड़का है।
  • हमारे पास एक सफ़ेद घोड़ा है।
  • चाय फीकी है।
  • रवि एक ईमानदार इंसान है।

उपरोक्त वाक्यों के अनुसार स्‍वच्‍छ, कठोर, अच्‍छा, सफेद, फीकी तथा ईमानदार शब्द गुणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं। क्‍योंकि यह संज्ञा की विशेषता बदला रहा हैं। स्‍वच्‍छ, कठोर, अच्‍छा, सफेद, फीकी तथा ईमानदार सभी प्रकार के गुण इसके अंतर्गत आते हैं।


गुणवाचक विशेषण के अन्‍य उदाहरण:-

  1. रमेश एक बलवान युवक है।
  2. राधा मेधावी छात्रा है।
  3. कुत्ता पालतू जानवर है।
  4. हमनें नया घर बनवा लिया है।
  5. कमलेश सीधा आदमी है।
  6. राम एक बलवान लङका है।
  7. गोवा एक स्वच्छ नगर है।
  8. कमलेश सीधा आदमी है।
  9. चाय फीकी है।
  10. दीपू अच्छा लङका है।
  11. तुम्हारा विचार प्रशंसनीय है।
  12. रवि को मीठा सेब पसंद है।
  13. तुम शान्त मन से विचार करो।
  14. खेतों में हरियाली छाई है।
  15. हमें सबसे प्रेम करना चाहिए।
  16. गुलाब का फुल सुंदर है।
  17. मुझे थोङा पानी दे दो।
  18. गंगा पवित्र नदी है।
  19. अर्जुन वीर योद्धा है।
  20. कुत्ता पालतू जानवर है।
  21. राधा मेधावी छात्रा है।
  22. रवि एक ईमानदार इंसान है।
  23. हमारे पास एक सफेद घोङा है।
  24. राम बहुत बलवान है।
  25. अंगूर बहुत मीठे है।
  26. आज मौसम बहुत ठंडा है।
  27. बगीचे में सुंदर फूल है।


 2. संख्यावाचक विशेषण 

''जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।''

जैसे-

  •     कक्षा में चालीस विद्यार्थी उपस्थित हैं।
  •     तीनों भाइयों में बड़ा प्रेम हैं।
  •     उनकी दूसरी लड़की की शादी है।
  •     देश का हरेक बालक वीर है।

उपर्युक्त वाक्यों में चालीस, तीनों, दूसरी तथा हरेक शब्द संख्यावाचक विशेषण हैं।


संख्यावाचक विशेषण के दो प्रकार हैं:-


 1. निश्चित संख्यावाचक विशेषण: 

''जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की कई वस्‍तुओं में से प्रत्‍येक (हर) का बोध होता है, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।''

निश्चित संख्यावाचक विशेषण जैसे- एक, पाँच, बारह, सात, चौथा, तीसरा आदि।


निश्चित संख्यावाचक विशेषण के 6 भेद हैं-

1. पूर्णांक बोधक विशेषण- इसमें पूर्ण संख्‍याओं का प्रयोग होता हों। जैसे- एक, दस, हजार, सौ, लाख आदि।

    दो लड़के स्कूल जा रहा है।

    पच्चीस रुपये दीजिए।

    कल मेरे यहाँ तीन मित्र आएँगे।

    एक आम लाओ


2. अपूर्णांक बोधक विशेषण- इसमें अपूर्ण संख्‍याओं का प्रयोग होता हों। जैसे- पौना, डेढ, सवा, ढाई आदि।

    मेरी जेब मे सवारुपये हैं।

    पापा ने मुझे ढाई सौ रुपये दिये ।

    दूधिया ने मुझे डेढ़ ग्राम दूध ज्‍यादा दिया।


3. क्रमवाचक विशेषण- जिसमें क्रिमिक  संख्‍याओं का प्रयोग होता हों। जैसे- दूसरा, पचासवाँ, चौथा, ग्यारहवाँ, आदि।

    पहला लड़का यहाँ आए।

    दूसरा लड़का वहाँ बैठे।

    रोहन कक्षा में प्रथम रहा।

    श्याम तृतीय श्रेणी में पास हुआ है।


4. आवृत्तिवाचक विशेषण- जिसमें आ‍वृत्ति संख्‍याओं का बोघ होता हों। जैसे- दुगुना, तिगुना, दसगुना, तेरहागुना आदि।

    मोहन तुमसे चौगुना काम करता है।

    राम तुमसे दुगुना मोटा है।

    मेरे पास रोहन से तीगुना पैसे है।


5. समूहवाचक विशेषण- जिन संख्‍याओं से समूह का बोघ होता हों। जैसे- तीनों, पाँचों, आठों, चारों आदि।

    तुम चारों को जाना पड़ेगा।

    यहाँ से तीनों चले जाओ।


6. प्रत्येक बोधक विशेषण- कई वस्‍तुओं में से प्रत्‍येक का बोध होता हो। जैसे- प्रति,  एक-एक, प्रत्येक, हरेक आदि।

    प्रत्येक को प्रसाद मिला।

    एक-एक व्यक्ति पनि मे डूब गया।


2. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध नहीं हो पाता हैं, अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे- जैसे- कई, अनेक, बहुत, सब आदि।

    सारे आम सड़ गए।

    पुस्तकालय में कई पुस्तकें हैं।

    लंका में अनेक महल जल गए।

    सुनामी में बहुत लोग मारे गए।


निश्चित संख्यावाचक के अंतर्गत आनेवाले पूर्णांक बोधक विशेषण के पहले- लगभग या करीब, तथा बाद- में ‘एक ‘ या ‘ओं’ प्रत्यय लगाने से अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण हो जाता है। जैसे-

    लगभग पचास लोग आएँगे।

    करीब बीस रूपए चाहिए।

    सैंकड़ों लोग मारे गए।


कभी-कभी ऐसा भी होता है कि दो पूर्णांक बोधक साथ में आकर अनिश्चय वाचक बना लेते हैं।  जैसे-

 1. चालीस-पचास रूपये चाहिए। 

2. काम में दो-तीन घंटे लगेंगे।


 3. परिमाणवाचक विशेषण

''जिस विशेषण से किसी वस्तु की नाप-तौल या मात्रा का बोध होता है, उसे परिमाण-बोधक विशेषण कहते हैं।'' 

जैसे- दो किलो चीनी, थोड़ा आटा, एक लीटर दूध, चार किलो तेल, थोड़े फल, एक तोला सोना आदि।

  •     मुझे दो मीटर कपड़ा दो।
  •     उसे एक किलो चीनी चाहिए।
  •     बीमार को थोड़ा पानी देना चाहिए।

उपरोक्‍त उदाहरण में दो मीटर, एक किलो तथा थोड़ा शब्दों का प्रयोग किया गया है। यह हमें क्रमश: कपड़ा, चीनी तथा पानी  की मात्रा का बता रहा है। जो परिणामवाचक विशेषण के उदाहरण है।


परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण:-

  1. उसने चार मीटर कपङा लाया।
  2. मैं प्रतिदिन थोङा दूध पीता हूँ।
  3. श्‍याम को दो किलो अनाज चाहिए।
  4. सुरेश जरा सी बात पर गुस्‍सा करता है। 
  5. राम ने कविता को बहुत समझाया।
  6. वह बाद में कुछ मिठा भी खाता है।


परिमाण-बोधक विशेषण के दो प्रकार हैं-

1. निश्चित परिमाण-बोधकः जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित मात्रा या परिमाण का बोध होता हो, उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे: एक बीघा ज़मीन, एक लीटर दूध, चार मीटर कपडा, दो  किलो चीनी, तीन लीटर पेट्रोल, दो सेर गेहूँ, पाँच मीटर कपड़ा, आदि।

उदाहरण:

  • मैंने दो बीघा ज़मीन खरीदी है।
  • गाडी को रोज़ पांच लीटर पेट्रोल की ज़रूरत पड़ती है।
  • तीन किलो सेब देना।

उपरोक्‍त उदाहरण में दो बीघा, पांच लीटर तथा तीन किलो शब्दों का प्रयोग किया गया है। यह शब्द हमें क्रमश: जमीन, पेट्राल तथा सेब के निश्चित परिमाण के बारे में बता रहा है। अतः यह शब्द निश्चित परिमाणबोधक विशेषण के अंतर्गत आएगा।


निश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण:-

  1. मुझे पाँच लीटर तेल देना।
  2. राम पास दो लीटर दूध है।
  3. मोबाइल की बैटरी 10 घंटा चलेगी।
  4. आज पांच किलो आम लेना है।
  5. श्‍याम के पास बीस बीघा जमीन है।
  6. यहाँ सिर्फ दो किलो गेंहू है।


2. अनिश्चित परिमाण-बोधकः जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का नहीं होता हो, अपितु अनिश्चित परिमाण का ज्ञान होता हो, वे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। परिमाण-बोधक विशेषण अधिकतर द्रव्यवाचक, भाववाचक और समूहवाचक संज्ञाओं के साथ आते हैं।

जैसे, थोड़ा पानी और अधिक काम, कुछ परिश्रम, कुछ फल, थोड़ी जगह, बहुत पानी, ज़रा सा रस आदि।

उदाहरण:-

  • तुम्‍हें थोडा काम और करना पडेगा।
  • सीता को कुछ सेब खरीदने है।
  • मेले में बहुत लोग आते हैं।


उपरोक्‍त उदाहरणों में थोड़ी, कुछ तथा बहुत शब्दों का प्रयोग किया गया है। ये शब्द हमें सटीक मात्रा के बारे में नहीं बता रहें है। ये हमें अनिश्चितता का बोध करा रहे हैं। अतः यह शब्द अनिश्चित परिमाणबोधक विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।


अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण:-

  1. मुझे बैठने के लिए थोड़ी जगह चाहिए।
  2. इस धंधे में बहुत थोङा लाभ है।
  3. हिंदी बहुत लोग बोल लेते हैं।
  4. मैं रोशनी से बहुत प्यार करता हूँ।
  5. अभिषेक बहुत अच्छा लङका है।
  6. पूजा अत्यंत सुंदर है।
  7. भैंस बहुत दूध देती है।
  8. सुरेश बहुत चाय पीता है।
  9. आप बातें बहुत मीठी करती हो।
  10. भारत के बहुत वैज्ञानिक विदेश गए है।


 4. सार्वनामिक विशेषण

ऐसे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा से पहले आए तथा संज्ञा की विशेषता बतलाते हो, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। 

जैसे- जैसे:  मेरी पुस्तक , किसी का महल , वह पुस्तक, वह लड़का , कोई बालक ,वह आदमी , वह बालक , वह लडकी आदि।

उदाहरण:-

  •     वह लड़का व्यवहार से कुशल है।
  •     कौन आदमी मेरा काम करेगा?
  •     उस लड़के को वहां छोड़ दो।


उपर्युक्त उदाहरण में वह, कौन तथा उस शब्द सार्वनामिक विशेषण हैं।

पुरूषवाचक और निजवाचक सर्वनामों को छोड़कर बाकी सभी सर्वनाम संज्ञा के साथ प्रयुक्त होकर सार्वनामिक विशेषण बन जाते हैं।

जैसे-

    निश्चयवाचक : यह मूर्ति, वह मूर्ति, ये मूर्तियाँ, वे मूर्तियाँ आदि।

    अऩिश्चयवाचक : कुछ लाभ, कोई व्यक्ति, कोई लड़का आदि।

    प्रश्नवाचक : कौन आदमी?, क्या काम?, कौन लौग?, क्या सहायता? आदि।

    संबंधवाचक : जो पुस्तक, जो लड़का, जो वस्तु आदि।


व्युत्पत्ति के आधार पर सार्वनामिक विशेषण के दो प्रकार हैं-

1. मूल सार्वनामिक विशेषण, 

2. यौगिक सार्वनामिक विशेषण


1. मूल सार्वनामिक विशेषणः

जो सर्वनाम बिना किसी रूपांतर या परिर्वतन के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है उसे मूल सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

जैसे-

  •     वह लड़का विद्यालय जा रहा है।
  •     कोई लड़की मेरा काम करेगी।
  •     कुछ विद्यार्थी उपस्थित हैं।

उपरोक्‍त वाक्यों में वह, कोई व कुछ शब्द मूल सार्वनामिक विशेषण हैं।


2. यौगिक सार्वनामिक विशेषणः

वह सर्वनाम जो मूल सर्वनाम में प्रत्यय आदि जुड़ने पर विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है उसे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

जैसे-

  •     ऐसा लड़का कहॉं मिलेगा?
  •     मुझसे इतना बोझ उठाया नहीं जाता।
  •     उतना पैसे का में क्‍या करूँगा?


उपरोक्‍त उदाहरण में ऐसा, मुझसे और उतना शब्द यौगिक सार्वनामिक विशेषण हैं।


कुछ यौगिक सार्वनामिक विशेषण जो निम्न सार्वनामिक विशेषणों से बनते हैं:-

    यह से- ऐसा, ऐसी, ऐसे, इतना, इतने, इतनी।

    वह से- वैसा, वैसी, वैसे, उतना, उतने, उतनी।

    जो से– जैसा, जैसी, जैसे, जितना, जितनी, जितने।

    कौन से– कैसा, कैसी, कैसे, कितना, कितनी, कितने।


संकेतवाचक विशेषण जो सर्वनाम संकेत द्वारा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं। विशेष – क्योंकि संकेतवाचक विशेषण सर्वनाम शब्दों से बनते हैं, अतः ये सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। इन्हें निर्देशक भी कहते हैं।