दुनिया का अनमोल रतन कहानी - प्रेमचंद

'दुनिया का सबसे अनमोल रतन' प्रेमचन्द की पहली कहानी है। यह कहानी कानपुर में प्रकाशित होने वाली उर्दू पत्रिका 'जमाना' में वर्ष 1907 में प्रकाशित हुई थी. बाद में यह कहानी प्रेमचन्द के कहानी संग्रह 'सोजे वतन' में संकलित की गई है। 

    मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय 

    लेखक का नाम :- मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand)

    पूरा नाम :- धनपत राय श्रीवास्तव तथा अन्य नाम नवाब राय

    जन्म :- 31 जुलाई 1880, लमही (वाराणसी) 

    मृत्यु :- 8 अक्टूबर 1936, वाराणसी

    पिता व माता :- मुंशी अजायब लाल और आनन्दी देवी

    पत्नी :- शिवरानी देवी

    मुख्य रचनाएँ -: 

    कहानी संग्रह - मानसरोवर (आठ भाग), गुप्तधन (दो भाग) 

    उपन्यास - निर्मला, सेवासदन, रंगभूमि, कर्मभूमि, प्रेमाश्रम, गबन, गोदान । 

    नाटक - कर्बला, संग्राम, प्रेम की वेदी। 

    निबंध-संग्रह - विविध प्रसंग (तीन खंडों में) कुछ विचार। 

    संपादन कार्य -  माधुरी, हंस, मर्यादा, जागरण ।

    • प्रेमचंद की कहानियाँ भारत की संस्कृति एवं ग्रामीण जीवन के विविध रंगों से सराबोर है। 
    • 'ईदगाह' कहानी उनकी प्रतिनिधि कहानी है, जो मानसरोवर भाग १ में संगृहीत है। 
    • पात्रः- हामिद, अमीना, महमूद, मोहसिन, नूरे, सम्मी, आबिद, चौधरी कायम अली, फहीमन।
    दुनिया का अनमोल रतन कहानी - प्रेमचंद

    कहानी का विषय वस्तु

    1. यह प्रेम-परीक्षा की कहानी है। 
    2. इस कहानी में प्रेम के लिए संघर्ष का चित्रण किया गया है। 
    3. एक अलग ढंग से प्रेम के आदर्श रूप की झलक देखने को मिलती है। 
    4. अनमोल रतन के रूप में देशभक्ति का चित्रण किया गया है। 
    5. कहानी का सुखद अंत होता है। 
    6. तत्कालीन स्वतंत्रता-आंदोलन को एक नई दिशा प्रदाान की है।  

    कहानी - संग्रह सोजे वतन (1908) 

    इस कहानी संग्रह में पॉंच कहानियां समाहित है-  

    1. इश्के दुनिया व हब्बे वतन ( सांसारिक प्रेम और देश प्रेम) 
    2. दुनिया का सबसे अनमोल रतन (1907) 
    3. यह मेरा वतन है 
    4. शेख मखमूर 
    5. सिल ए मातम (शौक का पुरस्कार)

    दुनिया का अनमोल रतन कहानी के प्रमुख पात्र

    दिलफिगार - इस कहानी का मुख्य पात्र है, जो मल्लिका 'दिलफरेब' से प्रेम करता है। वह एक सच्चा प्रेमी है, जो अपनी प्रेमिका के लिए जान तक दे सकता है। 

    दिलफरेब - कहानी की स्त्री पात्र है, जो एक महल की मल्लिका है। वह अत्यन्त सुन्दर तथा रूपवती स्त्री है। 

    काला चोर (कैदी) - कहानी का एक अन्य पात्र है, जिसने अनेक बेगुनाहों की हत्या की थी। उसके दिल में थोड़ा भी रहम और दया नहीं थी, इसलिए उसे कैदी बनाकर फाँसी दी जा रही है। 

    एक बुजुर्ग व्यक्ति - कहानी में वह पात्र है, जो दिलफिगार की हिम्मत तथा हौसला बढ़ाता है। 

    अन्य पात्र (संवाद की दृष्टि से) - हज़रते ख़िज्र, राजपूत देशभक्त ।

    'दुनिया का सबसे अनमोल रतन' कहानी की समीक्षा 

    'दुनिया का सबसे अनमोल रतन' प्रस्तुत कहानी में दिलफिगार अपनी प्रेमिका 'दिलफरेब' से सच्चा प्रेम करता है। इसी प्रेम को परखने के लिए प्रेमिका उसकी परीक्षा लेती है तथा उसे दुनिया का सबसे अनमोल रतन लाने को कहती है। साथ ही यह शर्त रखती है कि यदि वह चीज़ तुम्हें नहीं मिले तो दोबारा मेरे (दिलफरेब) पास मत आना वरना मैं तुम्हें सूली पर चढ़वा दूँगी। 

    दिलफिगार अपने प्रेम को सिद्ध करने के लिए उस अनमोल चीज को ढूँढने निकल पड़ता है। वह सोचता है कि दुनिया में सबसे अनमोल क्या हो सकता है, परन्तु निष्फल रहता है। बहुत खोजबीन करने के बाद भी उसे वह अनमोल रतन नहीं मिलता। 

    बहुत दिनों तक भटकते रहने के बाद उसे एक कैदी के आँसू की बूँद मिलती है, जिसे वह प्रेमिका के पास लेकर जाता है, परन्तु प्रेमिका उसे अनमोल रत्न नहीं मानती और उसे दोबारा खोजने के लिए भेजती है।

    कुछ दिनों बाद उसे सती की चिता की राख मिलती है और उसे लेकर वह प्रेमिका के पास पुनः जाता है, लेकिन वह उसे भी अनमोल नहीं मानती। तीसरी बार दिलफिगार निराश हो जाता है तथा आत्महत्या करने का प्रयास करता है। एक फकीर आकर उसे हौसला देता है तथा हिन्दुस्तान की ओर जाने को कहता है जहाँ उसकी इच्छा पूरी होगी। हिन्दुस्तान पहुँचने पर उसे एक सैनिक घायल अवस्था में मिलता है, जो अपने वतन के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे देता है। दिलफिगार समझ जाता है कि इस देशभक्त के खून से कीमती कुछ नहीं। 

    अतः उसके रक्त की अन्तिम बूँद लेकर वह प्रेमिका के पास पहुँचता है, जहाँ प्रेमिका उसकी भेंट को स्वीकार करते हुए उसके प्रेम को भी स्वीकार कर लेती है। अन्त में प्रेमिका ने एक तख्ती निकाली जिस पर स्वर्ण अक्षर में लिखा गया था कि खून का वह आखिरी कतरा जो वतन की रक्षा करते हुए गिरे वही दुनिया का सबसे अनमोल रतन है। 

    कहानी का कथानक संक्षिप्त है, परन्तु घटनाओं के विस्तार के कारण थोड़ा लम्बा हो गया है। मुख्य कथा को आगे बढ़ाने के लिए कैदी, सती तथा घायल सैनिक का प्रसंग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

    इस कहानी में प्रेमचन्द ने देशप्रेम तथा देशभक्ति को सबसे अधिक महत्त्व दिया है। देश की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले सैनिक के रक्त के सम्मुख सभी चीजें तुच्छ हैं यही बताना लेखक का उद्देश्य है। 

    घायल सिपाही द्वारा देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे देना उसके सच्चे देशभक्त होने का परिणाम है। गुलामी में जीने से अच्छा देश की रक्षा करते हुए मर जाना अधिक उचित है, यही सन्देश लेखक ने इस कहानी के माध्यम से दिया है। 

    प्रस्तुत कहानी की भाषा उर्दू शब्दावली से युक्त है, जिस कारण कहानी में उर्दू तथा अरबी-फारसी के शब्द अधिक आए हैं। कथा को मनोरंजक बनाने वाली घटनाओं में मुहावरों तथा लोकोक्तियों का प्रयोग भी प्रचुर मात्रा में किया गया है। इस प्रकार कह सकते हैं कि 'दुनिया का सबसे अनमोल रतन' कहानी देशप्रेम का सन्देश देने वाली कहानी है। इसी कारण अंग्रेज़ सरकार ने 'सोजे वतन' जिसमें यह छपी थी कि प्रतिलिपि जब्त कर ली थी, ताकि लोगों में देश की स्वतन्त्रता के लिए कोई चिंगारी न जागे।

    दुनिया का सबसे अनमोल रतन कहानी के महत्त्वपूर्ण तथ्य 

    • 'दुनिया का सबसे अनमोल रतन' प्रेमचंद की पहली कहानी मानी जाती है। 
    • हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू-फारसी, बांग्ला, गुजराती और मराठी के जानकार मुंशी 'दयानारायण निगम' कानपुर से प्रकाशित होने वाली उर्दू-पत्रिका 'जमाना' के संपादक थे। इन्होंने ही प्रेमचंद की कहानी 'दुनिया का सबसे अनमोल रतन' का 1907 में प्रकाशित किया था।  
    • नवाब राय को प्रेमचंद नाम मुंशी दयानारायण निगम ने ही दिया था। 
    • 'जमाना' पत्रिका के बाद यह कहानी उर्दू कहानी-संग्रह 'सोज़े-वतन' (1908) में प्रकाशित हुआ। 
    • इस कहानी-संग्रह में 5 कहानियाँ है : 'दुनिया का सबसे अनमोल रतन', 'शेख मखमूर', 'यही मेरा वतन है', 'शोक का पुरस्कार' और 'सांसारिक प्रेम' । 
    • मुंशी 'प्रेमचंद' ने 'बनारसीदास चतुर्वेदी' के प्रश्नों के उत्तर देने के क्रम में लिखा है- "मैंने 1907 में गल्प लिखना शुरू किया। सबसे पहले 1908 में मेरा 'सोज़े वतन', जो पाँच कहानियों का संग्रह है, जमाना प्रेस से निकला था, पर उसे हमीरपुर के कलेक्टर ने मुझसे लेकर जलवा डाला था। उनके खयाल में वह विद्रोहात्मक था, हालाँकि तब से उसका अनुवाद कई संग्रहों और पत्रिकाओं में निकल चुका है।"

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    Duniya Ka Sabse Anmol Ratan Kahani MCQ

    'दुनिया का सबसे अनमोल रत्न' कहानी से संबंधित MCQs निम्नलिखित हैं - 

    प्रश्‍न 01. 'दुनिया का सबसे अनमोल रत्न' कहानी के लेखक निम्न में से कौन हैं? 

    1. मन्नू भण्डारी 
    2. महादेवी वर्मा 
    3. प्रेमचन्द 
    4. मोहन राकेश 
    उत्तर: 3. प्रेमचन्द

     प्रश्‍न 02. जिस अभागे आदमी को फांसी दी जा रही थी लोग उसको क्या कहकर बुलाते थे ? 

    1. चोर 
    2. मूर्ख 
    3. पापी 
    4. काला चोर 

    उत्तर: 4. काला चोर


     प्रश्‍न 03. 'दुनिया का सबसे अनमोल रत्न' का मुख्य नायक कौन है? 

    1. दिलफिगार 
    2. दिलफरेब 
    3. दिलोज़ार 
    4. दिलनिशाद 
    उत्तर: 1. दिलफिगार

     प्रश्‍न 04. दिलफिगार की माशूका कौन थी ? 

    1. दिलनशीन 
    2. दिलफरेब 
    3. नूरेजहाँ 
    4. चाँदबाई

    उत्तर: 2. दिलफरेब


     प्रश्‍न 05.तख्ती पर सुनहरे अक्षरों में क्या लिखा था ? 

    1. तुम सबसे अनमोल आशिक हो 
    2. मुट्ठी भर राख दुनिया की सबसे अनमोल चीज है 
    3. खून का वह आखिरी कतरा जो वतन की हिफाजत में गिरे दुनिया की सबसे अनमोद चीज है। 
    4. तुम्‍हारा प्रेम सबसे अनमोल है। 

    उत्तर: 3. खून का वह आखिरी कतरा जो वतन की हिफाजत में गिरे दुनिया की सबसे अनमोद चीज है।


     प्रश्‍न 06. दिलांफगार अपनी महबूबा दिलफरेब का कैसा प्रेमी था ? 

    1. बेवफा 
    2. बदसूरत 
    3. सच्चा और जान देने वाला 
    4. निहायत गरीब

    उत्तर: 3. सच्चा और जान देने वाला


     प्रश्‍न 07. दिलफरेब ने ये शब्द किसको कहे थे- अगर तू मेरा सच्चा प्रेमी है तो जा दुनिया की सबसे अनमोल चीज लेकर मेरे दरबार में आ'

    1. मोहम्मद शेफ 
    2. दिलफिगार 
    3. याकूब हसन 
    4. इनमे से कोई नहीं 
    उत्तर: 2. दिलफिगार

     प्रश्‍न 08. दिलफरेब ने दिलफिगार की जान क्यों बख्श दी ? 

    1. क्योंकि दिलफिगार एक अच्छा इंसान था 
    2. क्योंकि वह दिलफिगार से प्रेम करती थी 
    3. क्योंकि दिलफिगार में वह गुण मौजूद है जो वह अपने प्रेमी में देखना चाहती 
    4. क्योंकि दिलफिगार उसके पैरों में गिर गया था 
    उत्तर: 3. क्योंकि दिलफिगार में वह गुण मौजूद है जो वह अपने प्रेमी में देखना चाहती

     प्रश्‍न 09. दिलफिगार अगर माशूका योनि मलका दिलफरेब की कही शर्त पूरी नहीं करता तो दिलफरेब ने उसे क्या सजा देने को कहा ? 

    1. जेल में डलवा देगी 
    2. देश निकाला देगी 
    3. सूली पर खिंचवा देगी 
    4. जहर का प्याला देगी

    उत्तर: 3. सूली पर खिंचवा देगी


    प्रश्‍न 10. दिलफिगार ने चन्दन की चिता पर किसे बैठे हुए देखा ? 

    1. (a) एक बूढ़े आदमी को 
    2. (b) सुहाग का जोड़ा पहने युवती को 
    3. (c) एक मोर को 
    4. (d) इनमें से कोई नहीं 

    उत्तर: 2. सुहाग का जोड़ा पहने युवती को

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