1. "कोऊ नहिं पकरत मेरो हाथ। बीस कोटि सुत होत फिरत मैं हा हा होय अनाथ॥" — यह पंक्ति कौन गाता है?
2. "जो पढ़तव्यम तो मरतवय्म, जो ना पढ़तव्यम तो मरतवय्म, दंत कटा-कट किं करतव्यम!" — यह कथन 'भारत दुर्दशा' नाटक में किसका है?
3. ‘अंधायुग’ के कथानक का मूल स्रोत महाभारत की कौन-सी घटनाएँ हैं?
4. ‘अंधायुग’ में कुल कितने अंक हैं?
5. ‘अंधायुग’ किस विधा की रचना है?
6. ‘अंधायुग’ की रचना वर्तमान विश्व को परमाणु युद्ध के खतरे से अवगत कराने हेतु हुई है। यह कथन किस घटना से प्रमाणित होता है?
7. कौरव पक्ष का कौन-सा योद्धा पांडवों के पक्ष में शामिल हो गया था?
8. ‘अंधायुग’ के पात्र पौराणिक हैं, लेकिन आधुनिक प्रासंगिकता लिए हुए हैं — यह कथन किसका है?
9. ‘अंधायुग’ नाटक का उद्देश्य क्या है?
10. "वंचक, परात्पर" — किसे कहा गया है?
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