संगोष्ठी (Seminar): अर्थ, प्रकार, प्रक्रिया, विशेषताएँ एवं उद्देश्य

संगोष्ठी या Seminar एक शैक्षणिक प्रक्रिया है जिसमें विचार-विमर्श द्वारा उच्च स्तरीय अधिगम विकसित होता है। इसके प्रकार, प्रक्रिया, विशेषताएँ एवं उद्देश्यों का सरल वर्णन।


Seminar in Hindi


 संगोष्ठी या विचारगोष्ठी

Seminar


संगोष्ठी अनुदेशन एक ऐसी प्रविधि है, जिसमें चिन्तन स्तर के अधिगम् के लिए अन्तःप्रक्रिया की परिस्थिति उत्पन्न की जाती है। यह प्रक्रिया शोधकर्ताओं के चिन्तन स्तर को सुषुप्त अवस्था से जाग्रत अवस्था की ओर लाती है। यह प्रक्रिया सीमित एवं औपचारिक प्रकृति की होती है तथा इसमें परिचर्चा सीमित समय में अधिक विषयों पर होती है। इस प्रक्रिया में सामूहिक परिचर्चा के माध्यम से कठिन एवं संश्लिष्ट विषयों को सरलतापूर्वक प्रस्तुत किया जाता है।

आसान श्‍ब्‍दों में कह सकते है कि,

संगोष्ठी या सेमिनार शैक्षणिक निर्देशों का रूप है। जो या तो एक शैक्षणिक संस्थान में या एक व्यावसायिक संगठन द्वारा पेश किया जाता है। इसमें समय-समय पर होने वाली मीटिंग में छोटे समूहों को साथ लेकर चर्चा की जाती है। संगोष्ठी में हर बार किसी विशेष विषय पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। उस पर सामूहिक चर्चा की जाती है।


संगोष्ठी के आयोजक तत्त्व

Component/Elements in Organism Seminar 


संगोष्ठी के आयोजन में निम्न घटकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है

व्यवस्थापक (Organiser) - इसके द्वारा कार्य योजना तैयार करना, वक्ता निर्धारित करना, विषय निर्धारित करना एवं विषय के कुछ भागों को अलग-अलग वक्ताओं को आवण्टित किया जाता है।

अध्यक्ष (President) - यह कार्यक्रम का निर्देशन, संचालन, संगोष्ठी के विषय पर चर्चा करवाता है।

वक्ता (Speakers) - विषयों पर अच्छी तैयारी कर प्रतिलिपि प्रतिभागियों को देना, विषय सम्बन्धी प्रश्नों को परिभाषित करने के लिए तैयार रहना।

प्रतिभागी (Participants) - संगोष्ठी में भाग लेना, वक्ताओं को सुनना तथा प्रश्न पूछना एवं स्पष्टीकरण प्राप्त करना।


संगोष्ठी के प्रकार

Type of Seminar


संगोष्ठी मुख्यतः चार प्रकार की होती है

1. लघु संगोष्ठी (Mini Seminar) कक्षा आधारित चर्चा करना।

2. मुख्य या बड़ी संगोष्ठी (Main Seminar) किसी संस्था या विभाग द्वारा आयोजित।

3. राष्ट्रीय संगोष्ठी (National Seminar) राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित संगोष्ठी (राष्ट्रीय मुद्दों से सम्बन्धित)।

4. अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (International Seminar) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित, अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा आयोजित संगोष्ठी।


संगोष्ठी की प्रक्रिया

seminar process


  • विषयों का चयन करना।
  • विषयों से सम्बन्धित प्रकरण प्रपत्र तैयार करना।
  • प्रकरण प्रपत्र तैयार करने वाले वक्ता का चयन करना।
  • विभिन्न संस्थाओं से व्यक्तियों को आमन्त्रित करना।
  • संगोष्ठी कार्य संचालन हेतु एक अध्यक्ष का चुनाव करना।
  • अध्यक्ष द्वारा संचालन प्रक्रिया का निर्धारण।
  • अध्यक्ष की अनुमति से वक्ताओं द्वारा विचारों का प्रस्तुतीकरण।
  • प्रश्न-उत्तर कार्यविधि।
  • अध्यक्ष द्वारा अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण।
  • अन्त में प्रकरणों तथा वाद-विवादों के निष्कर्षों का प्रकाशन करवाना।


संगोष्ठी की विशेषताएँ

Seminar Features


संगोष्ठी की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • यह उत्त्च चिन्तन का विकास करने के साथ-साथ स्वतन्त्र विचारों को प्रोत्साहन प्रदान करता है।
  • यह प्रजातान्त्रिक मूल्यों का विकास कर आलोचनात्मक चिन्तन के विकास को बढ़ावा देता है।
  • यह स्वाभ त्रक अधिगम को बढ़ावा देकर सामाजिक एवं भावात्मक गुणों के विकास में सहायक होता है।
  • यह वाद-विवाद प्रस्तुतीकरण एवं तर्क करने के कौशल का विकास करने में सहायक होता है।


संगोष्ठी के उद्देश्य

Objectives of the seminar


संगोष्ठी के दो उद्देश्य होते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं

ज्ञानात्मक उद्देश्य

  • अनुसन्धानकर्ता में अनुभवों के प्रस्तुतीकरण की क्षमताओं का विकास करना।
  • आलोचनात्मक एवं विश्लेषणात्मक क्षमताओं को विकसित करना।
  • किसी प्रकरण से सम्बन्धित समस्या का समाधान करना।
  • अनुसन्धानकर्ता में विश्लेषण सम्बन्धी योग्यता का विकास करना।

भावात्मक उद्देश्य

  • अनुसन्धानकर्ता में भावात्मक स्थिरता विकसित करना।
  • शोधकर्ताओं के शोध परिणामों की प्रशंसा करना।
  • शोधकर्ताओं में परस्पर सम्मान की भावना का विकास करना।

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