आईसीटी क्या है? — अर्थ, परिभाषा, घटक एवं शोध में ICT के अनुप्रयोग

ICT (Information and Communication Technology) आधुनिक डिजिटल युग की वह प्रौद्योगिकी है, जो सूचना के सृजन, भंडारण, प्रसंस्करण, विश्लेषण और संचार को सरल व प्रभावी बनाती है। इस पोस्ट में ICT का अर्थ, परिभाषा, महत्व, प्रमुख घटक (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्क और मानव संसाधन), शोध में ICT के चरणबद्ध अनुप्रयोग—पूर्व-डेटा, डेटा विश्लेषण एवं उत्तर-डेटा विश्लेषण—साथ ही SPSS, R, NVivo, Mendeley, Zotero जैसे प्रमुख टूल्स का स्पष्ट विवेचन किया गया है। यह सामग्री MA, Ph.D., UGC NET एवं शोधार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है।

ICT Full Form in Hindi

    आईसीटी क्या है? (ICT Kya Hai) 

    ICT का FULL FORM है (Information and Communication Technology) सूचना और संचार की प्रौद्योगिकी या सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, जिसे आम तौर पर आईसीटी (ICT) कहा जाता है। इस DIGITAL दुनिया में INFORMATION और COMMUNICATION, इन दोनों के लिए जिन जिन Technology का इस्तेमाल किया गया है वो सभी ICT के अंतर्गत आती हैं।

    शोध विकास तथा शोध के क्षेत्र में सूचना संचार प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग वर्तमान समय में व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। आंकड़ों को प्राप्त करने में, तथ्यों का क्रमवार अध्ययन करने के साथ-साथ विभिन्न विषयवस्तुओं का तुलनात्मक और पिक्टोग्राफिकल (Pictographic)अध्ययन करने के लिए आज कोई भी विद्यार्थी सुदूर किसी भी पुस्तक/पुस्तकालय/कक्षा/सेमिनार/संगोष्ठी में सूचना संचार प्रौद्योगिकी की मद्द से लाभ ले सकता है और लाभ दे सकता है। अब विद्यार्थी को शोध हेतु अलग-अलग जगहों पर जाने की आवश्यकता नहीं है। इससे समय और धन की बचत होती है।

    आईसीटी का अर्थ, परिभाषा और महत्व

    सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें सूचना के संचार के लिए सभी प्रकार की प्रौद्योगिकी समाहित है। अतः उच्च शिक्षा में ICT का बहुत महत्त्व है, इसको देखते हुए शिक्षण में कम्प्यूटर आधारित शिक्षा तकनीकों का उपयोग भारत की प्रसिद्ध शिक्षा प्रणाली और संस्थानों द्वारा अपनाया गया है। ICT का उपयोग निवेश से लेकर, प्रबंधन, दक्षता, शिक्षाशास्त्र, गुणवत्ता अनुसन्धान और नवाचार के लिए किया जाता है।

    1. डेटा एकत्रित करना (COLLECTING DATA) : डेटा एकत्रित करने के लिए डेटा एकत्र करना ICT का उपयोग किया जा सकता है। प्राथमिक डेटा पर आधारित अध्ययन के मामले में, ऑनलाइन प्रश्नावली, सर्वेक्षण, से डेटा एकत्र करने के बजाय डेटा एकत्र करने के लिए किया जा सकता है। यह समय और पैसे बचाने में मदद कर सकता है। डेटा एकत्र करने में कोई भौगोलिक प्रतिबंध नहीं होगा। ऑडियो- या वीडियोकांफ्रेंसिंग का उपयोग करके आयोजित ऑनलाइन साक्षात्कार के माध्यम से भी डेटा एकत्र किया जा सकता है।

    2. डेटा प्रवेश (DATA ACCESS) : माध्यमिक डेटा को ऑनलाइन भी एक्सेस किया जा सकता है। ऑनलाइन पोर्टल हैं जिनका उपयोग शोधकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन डेटा तक पहुंचने के लिए किया जा सकता है। सरकार, संस्थानों और संगठनों के विभिन्न विभाग अपनी वार्षिक रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करते हैं। ई-पुस्तकें, डिजिटाइज्ड दुर्लभ संसाधन, पांडुलिपियों (MANUSCRIPTS) को शोध उद्देश्यों के लिए ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकता है। Data.gov.in, भारत सरकार का एक खुला (open) डेटा पोर्टल है जहाँ विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के डेटा और दस्तावेज़ ऑनलाइन उपलब्ध हैं। कुछ राज्यों ने अपने ऑनलाइन ओपन डेटा पोर्टल्स भी विकसित किए हैं। 

    3. डेटा संग्रहीत करना (STORING DATA): डेटा संग्रहीत करना डेटा को स्प्रेडशीट और डेटाबेस में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सहेजा जा सकता है। इन्हें पासवर्ड द्वारा संरक्षित किया जा सकता है। विभिन्न सॉफ्टवेयर्स हैं जिनका उपयोग Microsoft Excel, Microsoft Access, SQL और Oracle जैसे स्प्रेडशीट और डेटाबेस बनाने के लिए किया जा सकता है। डेटा को क्लाउड सर्वर पर भी सहेजा जा सकता है, फिर इसे लॉगिन क्रेडेंशियल के साथ कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है। सॉफ्टवेयर्स का उपयोग डेटा की सफाई और त्रुटियों को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।

    4. डेटा संसाधित करना (PROCESSING DATA): डाटा प्रोसेसिंग की प्रक्रिया कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग करके डाटा को प्रोसेस और एनालिसिस किया जा सकता है। कंप्यूटर दूसरे के एक अंश के भीतर भी जटिल गणना करने में सक्षम हैं। कंप्यूटर प्रोग्राम्स का उपयोग करके लाभ, अनुपात, अनुपात, मानक विचलन, सहसंबंध, प्रतिगमन, सांख्यिकी के मूल्य आदि प्राप्त किए जा सकते हैं। SPSS, Stata, R, EIKON, Nesstar, Atlas.ti, MAXQDA आदि कुछ डेटा विश्लेषण उपकरण हैं।

    5. डेटा की व्याख्या करना (INTERPRETING DATA) : डेटा की व्याख्या करना कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग डेटा की व्याख्या करने और इसे  दृश्य रूपों में प्रस्तुत करने के लिए भी किया जा सकता है। डेटा तालिकाओं को बनाने के लिए डेटा टेबल, ग्राफ, चार्ट आदि का उपयोग किया जा सकता है। इनका उपयोग तुलना करने, विकास दिखाने, रचनाओं की कल्पना करने, इत्यादि के लिए किया जा सकता है।

    6. अनुसंधान निष्कर्षों का संचार (COMMUNICATING RESEARCH FINDINGS) : अनुसंधान निष्कर्षों का संचार आईसीटी का उपयोग शोध निष्कर्षों को संप्रेषित करने में भी किया जा सकता है। पत्रिकाओं में से कई इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध हैं, जो साझा करना आसान है। थीसिस को निर्दिष्ट पोर्टल्स पर ऑनलाइन भी अपलोड किया जा सकता है। " शोधगंगा" ऐसे प्लेटफार्मों में से एक है। यह शोध अध्येताओं के लिए अनिवार्य है कि वे अपने शोध को शोधगंगा पर ऑनलाइन अपलोड करें।

    7. भारत सरकार के विभिन्न शैक्षिक, वैज्ञानिक, सामाजिक संगठन के वेबसाइट्स, पोर्टल, ब्लॉग ऐसे सोर्स हैं, जिनसे सामग्री को प्राप्त किया जा सकता है।

    8. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी एक व्यापक क्षेत्र है, जिसमें सूचना के संचार के लिये हर तरह की प्रौद्योगिकी समाहित है।

    9. यह वह प्रौद्योगिकी है, जो कि सूचना के संचालन (रचना, भंडारण और उपयोग) की योग्यता रखता है तथा संचार के विभिन्न, माध्यमों (रेडियो, टेलिविजन, सेलफोन, कम्प्यूटर और नेटवर्क, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, सेटेलाइट सिस्टम, सेवाओं और अनुप्रयोगों) से सूचना के प्रसारण की सुविधा प्रदान करती है। आई.सी.टी. कई लोगों के जीवन का अविभाज्य तथा स्वीकृत अंग बन गया है।

    10. कृषि, स्वास्थ्य, शासन प्रबन्ध और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में विकास इसका प्रभाव है। आई.सी.टी. एक विविध संग्रह है, जिसमें विभिन्न प्रौद्योगिकी उपकरण निहित हैं।

    11. साथ ही साथ वीडियो कांफ्रेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक मेल आदि जैसी सेवाएँ भी सम्मिलित हैं। आई.सी.टी. एक पाइपलाइन प्रणाली की तरह है, जहाँ सूचना (संग्रहित पानी), सूचना प्रौद्योगिकी (भण्डारण टंकी) में संचयित होती है तथा संचार प्रौद्योगिकी (पाइप) के माध्यम से संचार (बहता हुआ पानी) प्रापक के पास पहुंचता है।

    12. उपयोगी डाटा और सूचना के सृजन, संचरण, भंडारण, पुनः प्राप्ति और डिजिटल रूपों में संचालन जैसी आई.सी.टी. की डिजिटल प्रौद्योगिकी, सूचना के पूरे चक्र में प्रयोग में लाई जाती है।


    सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रमुख घटक

    ICT के प्रमुख घटकों के अन्तर्गत कम्प्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी, दूरसंचार एवं नेटवर्क प्रौद्योगिकी तथा मानव संसाधन को शामिल किया जाता है, जो निम्‍न होते है: 

    1. कम्प्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी (Computer hardware technology) : इसके अंतर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह करने वाली युक्तियाँ आती हैं।

    2. कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी (Computer software technology) : इसके अंतर्गत ऑपरेटिंग सिस्टम वेब ब्राउजर डाटाबेस प्रबन्धन प्रणाली सर्वर तथा व्यापारिक, वाणिज्यिक सॉफ्टवेयर आते हैं।

    3. दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकी (Telecom & Network Technology) : इसके अंतर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रोसेसर तथा इंटरनेट से जुड़ने के लिये तार या बेतार पर आधारित सॉफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं।

    4. मानव संसाधन (Human Resources) : तंत्र प्रशासक नेटवर्क प्रशासक आदि इसके अंतर्गत आते हैं।


    शोध में आई.सी.टी. के अनुप्रयोग चरण दर चरण

    (APPLICATION OF ICT IN RESEARCH STEP BY STEP)


    1. पूर्व-डेटा विश्लेषण में आई.सी.टी. के अनुप्रयोग 

    (APPLICATIONS OF ICT IN PRE-DATA ANALYSIS)

    2. डेटा विश्लेषण में आई.सी.टी. के अनुप्रयोग

    (APPLICATIONS OF ICT IN DATA ANALYSIS)

    3. उत्तर-डेटा (पोस्ट-डेटा) विश्लेषण में आई.सी.टी. के अनुप्रयोग

    (APPLICATIONS OF ICT IN POST-DATA ANALYSIS)


    1. पूर्व-डेटा विश्लेषण में आई.सी.टी. के अनुप्रयोग

    (APPLICATIONS OF ICT IN PRE-DATA ANALYSIS)

    पूर्व-डेटा विश्लेषण में आईसीटी के अनुप्रयोग उन गतिविधियों को संदर्भित करते हैं जो डेटा विश्लेषण के चरण तक पहुंचने से पहले सामाजिक विज्ञान अनुसंधान की गतिविधियों पर आईसीटी कैसे लागू होते हैं।

    A. साहित्य खोज (LITERATURE SEARCH)

    B. सामग्री खोज (CONTENT SEARCH)

    C. साहित्य समझना/देखना (LITERATURE TRACKING)

    D. आंकड़े संकलन (DATA COLLECTION)


    A. साहित्य खोज (LITERATURE SEARCH): पिछली बार शोधकर्ताओं को पुस्तकालयों में साहित्य की प्रतियों पर एक खोज करने की आवश्यकता है, जिसके तहत यह एक कठिन प्रयास है और खोज परिणाम सीमित थे। इसके विपरीत, आज बहुत सारे शोध सामग्री, साहित्य और कलाकृतियों को इंटरनेट खोज इंजन और डेटाबेस का उपयोग करके खोजा जा सकता है।

    ✸ SHODHGANGA : भारतीय शोध भंडार जहां आप खोज और डाउनलोड कर सकते हैं।

    ✸ GOOGLE SCHOLAR : व्यापक रूप से विषयों और स्रोतों में विद्वानों के साहित्य की खोज करने का एक तरीका प्रदान करता है।

    ✸ MICROSOFT ACADEMIC SEARCH: कई स्रोतों से अकादमिक पत्रों, लेखकों, सम्मेलनों, पत्रिकाओं और संगठनों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

    ✸ MENDELEY : एक अनूठा मंच जिसमें एक सामाजिक नेटवर्क, संदर्भ प्रबंधक, लेख दृश्य उपकरण शामिल हैं।

    ✸ SSRN (SOCIAL SCIENCE RESEARCH NETWORK) : सामाजिक विज्ञान में विद्वानों के अनुसंधान और संबंधित सामग्रियों के बहु-विषयक ऑनलाइन भंडार।


    B. सामग्री खोज (CONTENT SEARCH) : आज के अनुसंधान की दुनिया में, शोधकर्ता सॉफ्टकॉपी साहित्य की खोज या फ़ंक्शन (जिसे सामग्री खोज भी कहा जाता है) का उपयोग उन विशिष्ट कीवर्ड या वाक्यांशों की खोज करने के लिए कर सकते हैं जिनमें यह अधिक प्रभावी है। यह अवलोकन भी समर्थित है कि सेकरन (2003) ने कहा था कि प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ऑनलाइन खोज सस्ती है और साहित्य के प्रासंगिक स्रोतों की पहचान में सुधार कर सकती है।


    C. साहित्य समझना/देखना (LITERATURE TRACKING): अतीत में, शोधकर्ताओं को अपने सभी साहित्य या कलाकृतियों को सॉर्ट करना, वर्गीकृत करना और संग्रहीत करना पड़ता है, जिनकी उन्होंने कंप्यूटर फ़ोल्डर या भौतिक फ़ोल्डर / स्थान धारकों में समीक्षा की थी।

    ⏺ शोधकर्ताओं को अपना स्वयं का ट्रैकिंग तंत्र बनाने की भी आवश्यकता है जैसे एक शब्द दस्तावेज़ या स्प्रेडशीट प्रारूप में उनके समीक्षित साहित्य को ट्रैक और प्रबंधित करने के लिए ताकि वे भविष्य में फिर से उपयोग या संदर्भित कर सकें। इन्हें हाथ संबंधी रूप से करना कठिन काम हो सकता है।

    ⏺ आईसीटी की प्रगति के साथ, शोधकर्ता अभी भी पुराने दृष्टिकोणों का उपयोग कर सकते हैं लेकिन अधिक से अधिक शोधकर्ता अब मेंडले जैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं जो साहित्य सामग्री और संपर्कों को प्रबंधित करने, साझा करने और खोजने में मदद कर सकते हैं, जिनकी उन्होंने समीक्षा की थी।

    ⏺ एक शोधकर्ता के साहित्य को ट्रैक करने के लिए मेंडेली जैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग समय और प्रयास के साथ-साथ बहुत सारे साहित्य को प्रबंधित करने में सक्षम है कि शोधकर्ता अतीत में संभव नहीं था।


    D. आंकड़े संकलन (DATA COLLECTION): आईसीटी की मदद से, डेटा संग्रह ऑनलाइन, वेब आधारित या इंटरनेट सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्र किया जा सकता है। इस उद्देश्य से निर्मित सॉफ्टवेयर और इंटरनेट प्रौद्योगिकी का उपयोग करना जो डेटा संग्रह में प्रौद्योगिकी है उत्तरदाताओं से सर्वेक्षण की गई प्रतिक्रियाओं को इकट्ठा करने के लिए समय और लागत को कम कर सकते हैं। न केवल एक ऑनलाइन सर्वेक्षण को अधिक प्रभावी ढंग से प्रशासित किया जा सकता है, बल्कि इसके मूल प्रारूप में एकत्र किए गए डेटा को सीधे सांग्विशक्तीय सॉफ्टवेयर में भी निवेश (Input) किया जा सकता है।


    2. डेटा विश्लेषण में आई.सी.टी. के अनुप्रयोग

    (APPLICATIONS OF ICT IN DATA ANALYSIS)

    डेटा विश्लेषण में आईसीटी के अनुप्रयोग में शामिल हैं आईसीटी को डेटा विश्लेषण के चरण के दौरान गतिविधियों पर लागू किया जाता है और इसमें विभाजित किया जा सकता है:

    👉 मात्रात्मक डेटा विश्लेषण (QUANTITATIVE DATA ANALYSIS)

    👉 गुणात्मक डेटा विश्लेषण (QUALITATIVE DATA ANALYSIS)


    👉 मात्रात्मक डेटा विश्लेषण (QUANTITATIVE DATA ANALYSIS)

    खोजकर्ता कारक विश्लेषण, एकाधिक प्रतिगमन, टी-परीक्षण और विश्लेषण का विश्लेषण (ANOVA) कुछ सामान्य डेटा विश्लेषण तकनीकें हैं, जो मात्रात्मक अनुसंधान का संचालन करने वाले शोधकर्ताओं के बीच उपयोग की जाती हैं। कुछ उन्नत और लोकप्रिय डेटा विश्लेषण तकनीकें भी हैं जैसे पथ विश्लेषण, सहसंयोजक-आधारित संरचनात्मक समीकरण मॉडलिंग (SEM), विचरणबेड SEM (आंशिक कम से कम वर्ग), पदानुक्रमित प्रतिगमन विश्लेषण, पदानुक्रमित रैखिक मॉडलिंग आदि।

    STATISTICAL PACKAGE FOR SOCIAL SCIENCE (SPSS) अधिक सुविधाओं और कार्यक्षमता के साथ अधिक उन्नत और समृद्ध हैं

    R (R Foundation for Statistical Computing)

    MATLAB (The Mathworks)

    Microsoft Excel

    SAS (Statistical Analysis Software)

    GraphPad Prism

    Minitab


    👉 गुणात्मक डेटा विश्लेषण (QUALITATIVE DATA ANALYSIS)

    निम्नलिखित सांख्यिकीय सॉफ्टवेयर पैकेज गुणात्मक डेटा विश्लेषण के लिए हैं:

    NVivo

    ATLAS.ti

    MAXQDA

    SPSS Text Analytics


    3. उत्तर-डेटा (पोस्ट-डेटा) विश्लेषण में आई.सी.टी. के अनुप्रयोग 

    (APPLICATIONS OF ICT IN POST-DATA ANALYSIS)

    डेटा विश्लेषण के बाद आईसीटी को संदर्भित करता है, आईसीटी को डेटा विश्लेषण के चरण को पूरा करने के बाद अनुसंधान की गतिविधियों पर लागू किया जाता है:

    a) संदर्भ और ग्रंथ सूची संकलन (References and Bibliography Compilation)

    b) शोधकर्ताओं, पर्यवेक्षकों, पर्यवेक्षकों आदि के बीच अनुच्छेद और थीसिस / शोध विमर्श

    (Article and Thesis/Dissertation's Discussion among Researchers, Supervisors, Supervisees etc.)

    c) साहित्यिक चोरी का पता लगाना (Plagiarism Detection)

    d) जर्नल पांडुलिपियाँ प्रस्तुत करना (Journal Manuscripts Submission)


    a) संदर्भ और ग्रंथ सूची संकलन (References and Bibliography Compilation):

    🔷 कुछ साल पहले, शोधकर्ता संदर्भ और ग्रंथ सूची को मैन्युअल रूप से संकलित करते हैं।

    🔷वे वस्तुतः संदर्भों या ग्रंथ सूची के पूरे खंड का निर्माण करने के लिए टाइप करते हैं और फिर उन्हें आरोही क्रम (Ascending Order) में क्रमबद्ध करते हैं।

    🔷इस प्रकार के सॉफ़्टवेयर अपने लेख या शोध को तैयार करते समय शोधकर्ताओं की दक्षता और सटीकता में सुधार कर सकते हैं।

    🔷निम्नलिखित सॉफ्टवेयर का उपयोग संदर्भ और ग्रंथ सूची संकलन के लिए किया जाता है:

    ENDNOTE

    ZOTERO

    MENDELEY


    b) शोधकर्ताओं, पर्यवेक्षकों, पर्यवेक्षकों आदि के बीच अनुच्छेद और थीसिस / शोध विमर्श 

    (Article and Thesis/Dissertation's Discussion among Researchers, Supervisors, Supervisees etc.):

    🔶 एक लेख, थीसिस या शोध प्रबंध के निर्माण के दौरान शोधकर्ताओं, पर्यवेक्षकों (Supervisors) के बीच के दौरान चर्चा या संचार की आवश्यकता होती है।

    🔶 अब, हमारे पास अनुसंधान सामग्री साझा करने की सुविधा के लिए आईसीटी का उन्नत अनुप्रयोग है, विषय वस्तु विशेषज्ञों से टिप्पणियां मांगना, प्रकाशित किए गए पत्रों की निगरानी करने के लिए एनालिटिक्स को सक्षम करना, साथ ही साथ कुछ विद्वानों के कार्यों का पालन करना।

    🔶 ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म या वेबसाइट्स हैं जिनका उपयोग ऐसी चर्चा के लिए किया जा सकता है:

    Academia.edu

    ResearchGate


    c) साहित्यिक चोरी का पता लगाना (Plagiarism Detection) :

    🔵 अतीत में, साहित्यिक चोरी के कार्य धीमी गति से चलने वाले थे और उन्हें खोजने के लिए विश्वविद्यालयों या पत्रिकाओं के प्राधिकारियों के रूप में उनका पता लगाना आवश्यक था।

    🔵आईसीटी की प्रगति के साथ, पाठक या शोधकर्ता बाजार में उपलब्ध साहित्यिक चोरी चेकर सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं जैसे:

    Grammarly

    Article Checker

    Turnitin

    Dupli checker etc.


    d) जर्नल पांडुलिपियाँ प्रस्तुत करना (Journal Manuscripts Submission):

    💠अतीत में, जर्नल पांडुलिपि (Manuscript) जमाकर्ता शोधकर्ताओं / लेखकों और जर्नल के संपादकों / समन्वयकों के बीच ई-मेल संचार के माध्यम से हुआ करता था।

    💠अब वेब-आधारित जर्नल पांडुलिपि (Manuscript) प्रबंधन और सहकर्मी-समीक्षा सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक पांडुलिपि (Manuscript) जमा या प्रबंधन प्रणाली आमतौर पर शोधकर्ताओं और पत्रिकाओं / प्रकाशकों के समुदाय के बीच उपयोग की जाती है।

    💠ऐसी प्रणालियों का उपयोग करके प्रकाशन की स्थिति को प्रस्तुत करने और जांचने के उनके समय को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, इस तरह की प्रणालियों का उपयोग प्रस्तुत करने के साथ-साथ सहकर्मी-समीक्षा प्रबंधन जिसमें गलत संचार, खो जाने या संचार की देरी को कम से कम किया जा सकता है, की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।

    💠निम्नलिखित पांडुलिपियों (Manuscripts) को प्रस्तुत करने और प्रचार के लिए आईसीटी के अनुप्रयोग हैं:

    Elsevier

    Wiley

    Sage Publications etc.


    शोध कार्य में कंप्यूटर की उपयोगिता

    कम्प्यूटर पूरी शोध प्रक्रिया में अपरिहार्य है। जब एक बड़े नमूने परे शोध होता है तो कम्प्यूटर की भूमिका अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि डाटा को तत्काल उपयोग के लिए संग्रहीत किया जा सकता है अथवा इसे सहायक मैमोरी; यथा-फ्लॉपी डिस्क, कॉम्पैक्ट डिस्क, पेन ड्राइव या मैमोरी कार्ड में संग्रहीत किया जा सकता है, ताकि बाद में इसे पुनः प्राप्त किया जा सके। एक कम्प्यूटर शोधकर्ता को पूरी शोध प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में सहयोग करता है।

    शोध प्रक्रिया के प्रमुख पाँच चरण 

    शोध प्रक्रिया के प्रमुख पाँच चरण होते हैं। ये निम्न हैं

    1. संकल्पना चरण (Conceptual Phase)

    2. डिजाइन और योजना चरण (Design and Planning Phase)

    3. आनुभविक या प्रयोगसिद्ध चरण (Empirical Phase)

    4. विश्लेषणात्मक चरण (Analytic Phase) और

    5. प्रसार या विस्तार चरण (Dissemination Phase)


    कम्प्यूटर की शोध में भूमिका

    शोध विभिन्न चरणों में कम्प्यूटर की भूमिका अनुप्रयोग का वर्णन निम्न प्रकार से है
    • संकल्पना चरण में कम्प्यूटर की भूमिका संकल्पना चरण में शोध की समस्या, साहित्य की समीक्षा, सैद्धान्तिक फ्रेमवर्क और संकल्पना का निर्माण या सूत्रीकरण होता है। इसके अन्तर्गत साहित्य समीक्षा में कम्प्यूटर दुनिया के व्यापक डाटाबेस के इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस में संग्रहित साहित्य और ग्रन्थ सूची सन्दर्भों की खोज में सहायता करता है। इस प्रकार इसका उपयोग जब कभी आवश्यकता हो प्रासंगिक प्रकाशित लेखों को संग्रहीत करने के लिए किया जा सकता है।
    • डिजाइन और योजना चरण में कम्प्यूटर की भूमिका डिजाइन और योजना चरण, शोध डिजाइन, जनसंख्या, शोध चर, नमूनाकरण amping) योजना, शोध समीक्षा योजना इत्यादि से मिलकर बनता है। इसके अन्तर्गत नमूना आकार गणना में कम्प्यूटर की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। इस प्रकार के कई सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं जो प्रस्तावित अध्ययन के लिए आवश्यक नमूना आकार की गणना करने में सहायक हैं; यथा-NCSS-PASS-GESS इत्यादि ऐसे सॉफ्टवेयर के उदाहरण हैं। नमूना आकार की गणना के लिए पायलट अध्ययन से डाटा का मानक विचलन (Standard Deviation) आवश्यक होता है।
    • आनुभविक या प्रयोगसिद्ध चरण में कम्प्यूटर की भूमिका आनुभविक चरण में विश्लेषण के लिए डाटा का भण्डारण/संग्रहण और तैयार करना शामिल होता है। इसके अन्तर्गत डाटा का संग्रहण विषयों से प्राप्त डाटा को कम्प्यूटर में वर्ड फाइल्स या एक्सेल शीट के रूप में संग्रह किया जाता है। जिसका लाभ यह होता है कि इसमें आवश्यकता पड़ने पर सुधार किया जा सकता है, जबकि कागज (पेपर) पर लिखने के मामले में यह असम्भव या समय व्यर्थ करने वाला होता है।
    • विश्लेषणात्मक चरण में कम्प्यूटर की भूमिका शोध के इस चरण में डाटा के सांख्यिकीय विश्लेषण और परिणाम की व्याख्या शामिल होती है। डाटा विश्लेषण के इस प्रकार के अब कई सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं जो शोध प्रक्रिया के गणितीय भाग की गणना आसानी से कर सकते हैं। डाटा विश्लेषण के सॉफ्टवेयरों में SPSS, NCSS-PASS, STATA इत्यादि शामिल हैं, जिनका उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है।
    • प्रसार/विस्तार चरण में कम्प्यूटर की भूमिका यह चरण शोध अध्ययन के प्रकाशन का होता है। शोध प्रकाशन शोध लेख शब्द प्रारूप में टाइप किया जाता है और पोर्टेबल डाटा प्रारूप में संकलित किया जाता है तथा विश्वव्यापी वेब (वर्ल्ड वाइड वेब) में संग्रहीत अथवा प्रकाशित किया जाता है। इसके अतिरिक्त कम्प्यूटर का प्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में, सामाजिक व आर्थिक क्षेत्र में, सामाजिक-आर्थिक श्रेणीकरण में, पारिवारिक समूह की गणना में उपयोग किया जाता है, जिसका एक विस्तृत डाटा संग्रह शोध प्रक्रिया, प्रकाशन में सहायक होता है, क्योंकि इससे सम्बन्धित आँकड़ों को कम्प्यूटर के माध्यम से आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। इस उद्देश्य के लिए विशेष सॉफ्टवेयर के उपयोग से इसे आसान बनाया गया है।

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