'बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु !' यह कविता निराला जी के 'अर्चना' कविता संग्रह में संकल…
Read more »‘कुकुरमुत्ता’ (1941) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की प्रसिद्ध व्यंग्यात्मक कविता है, जिसमें उन्होंन…
Read more »'आँसू' कविता का सारांश 'आँसू' जयशंकर प्रसाद जी का प्रसिद्ध विरह काव्य है। कवि की …
Read more »हिंदी साहित्य में प्रगतिवाद की शुरुआत 1936 से 1943 के बीच मानी जाती है। 1936 में लखनऊ में आयोजित प्…
Read more »हिंदी साहित्य की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह प्रश्नोत्तर संकलन अत्यंत उपयोगी है। इसमें…
Read more »'खुरदरे-पैर' कविता का सारांश 'खुरदरे पैर' नागार्जुन जी की मार्मिक अभिव्यक्ति है। जि…
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