आपका बंटी (उपन्यास) : मन्नू भंडारी । Aapka Bunti - Mannu Bhandari

मन्नू भंडारी (Mannu Bhandari) - नई कहानी को प्रतिष्ठित करने में जिन कहानी लेखको का प्रमुख योगदान रहा, उनमें मन्नू भण्डारी का नाम अग्रणी है। वे सदा से ही नारी अस्तित्व के पारिवारिक और सामाजिक पक्ष के प्रति पूर्ण सजग रही है। आधुनिक हिन्दी लेखिकाओं में मन्नू भण्डारी का स्थान महत्त्वपूर्ण है। इनका सबसे महत्‍वपूर्ण उपन्‍यास आपका बंटी है।  

इस पोस्‍ट के माध्‍यम से मन्नू भंडारी के संक्षिप्‍त जीवन परिचय तथा इनके सर्वप्रसिद्ध आपका बंटी उपन्‍यास के पात्र, उद्देश्‍य, कथन, समीक्षा एवं महत्‍वपूर्ण प्रश्‍नोत्तर की चर्चा करेंगे। 

आपका बंटी उपन्यास का प्रकाशन वर्ष,

    मन्नू भंडारी का संक्षिप्त जीवन परिचय

    लेखि‍का का नाम :- मन्नू भंडारी (Mannu Bhandari)

    वास्तविक नाम :- महेंद्र कुमारी 

    जन्म :- 3 अप्रैल 1931 (भानपुरा, मध्य प्रदेश)

    मृत्यु :- 15 नवम्बर 2021 (गुड़गांव, हरियाणा)

    पिता का नाम :- सुख संपतराय 

    प्रकाशित कृतियाँ :-

    • कहानी-संग्रह - एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, यही सच है, त्रिशंकु, तीन निगाहों की एक तस्वीर, श्रेष्ठ कहानियाँ, आँखों देखा झूठ, नायक खलनायक विदूषक।
    • उपन्यास - आपका बंटी, महाभोज, एक इंच मुस्कान और कलवा, स्वामी, एक कहानी यह भी।
    • पटकथाएँ - निर्मला, रजनी, स्वामी, दर्पण।
    • नाटक - बिना दीवारों का घर।
    • आत्मकथा - एक कहानी यह भी (2007)

    पुरस्कार और सम्मान :-

    • महाभोज के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान - 1981
    • बिहार सरकार द्वारा भारतीय भाषा परिषद (कलकत्ता) सम्‍मान - 1982
    • भारतीय संस्कृत संसद कथा समारोह द्वारा सम्मान - 1983
    • महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा सम्मान - 2004
    • हिंद अकादमी का दिल्ली शलाका सम्मान - 2006
    • मध्य प्रदेश में हुए हिंदी साहित्य सम्मेलन में भवभूति अलंकरण सम्‍मान - 2007

    आपका बंटी (उपन्यास) : मन्नू भंडारी

    आपका बंटी (Aapka Bunti) स्वतन्त्र रूप से लिखा गया उनका पहला उपन्यास है। बाल मनोविज्ञान की गहरी समझ-बूझ के लिए चर्चित, प्रशंसित इस उपन्यास का हर पृष्ठ ही मर्मस्पर्शी और विचारोत्तेजक है। हिन्दी उपन्यास को एक मूल्यवान उपलब्धि के रूप में 'आपका बंटी' एक कालजयी (प्रतिष्ठित) उपन्यास है।

    उपन्‍यास की विषय व वर्णित मूल समस्‍या :- 

    1. विवाह विच्छेद की त्रासदी में पिस रहे एक बच्चे की कहानी।
    2. दाम्पत्य जीवन की टकराहट। 
    3. तलाकशुदा दम्पत्ति के बच्चे की समस्या आदि । (केंद्रीय समस्या)
    4. आधुनिकरण की समस्या। 
    5. संतान की मानसिक यंत्रणा की समस्या।
    6. अंतर्बन्द्र और कुष्ठाग्रस्त जीवन में संघर्ष की समस्या तथा मानसिक तान-तनाव से घिरी हुई।
    7. बालमन का बंद्ध तथ जिंदगियां।

    भाषा :- आपका बंदी की भाषा पात्रों के अनुरूप है। तथा अंग्रेजी संस्कृत के तत्सम, तद्‌भव, उर्दू, अरबी तथा फारसी के शब्दों का सुन्दर कलात्मक ढंग से प्रयोग किया गया है।

    शैली :- आपका बंटी में प्रमुख रूप से वर्णनात्मक शैली का ही प्रयोग हुआ है। मनोविज्ञान उपन्यास के मूल में रहने के कारण विश्लेषणात्मक और चेतना प्रवाह शैली का प्रयोग भी हुआ है। 

    उद्‌देश्य :- मन्नू भंडारी का मूल उद्‌देश्य पति-पत्नी के बीच अलगाव की स्थिति के पैदा होने से उनकी संतान की कितनी दयनीय दशा हो जाती है, यह दिखाना है।

    आपका बंटी उपन्यास के प्रमुख पात्र

    आपका बंटी उपन्यास के प्रमुख पात्र निम्‍न है :-

    बंटी :- उपन्यास का प्रमुख बाल पात्र है. जो शिक्षित व स्वतन्त्र विचारधारा वाले माता-पिता का पुत्र है। बटी की स्थिति दयनीय है, क्योंकि उसे माता-पिता होते हुए भी अनाथ की भाँति जीवन व्यतीत करना पड़ता है।

    शकुन :- कॉलेज की प्रिंसिपल तथा बंटी की माँ है, जो आधुनिक तथा स्वतन्त्र विचारों वाली स्त्री है।

    अजय :- शकुन का पति तथा बंटी का पिता है, जो अहम् भावना से ग्रसित है. जिसके कारण वह 'शकुन को तलाक दे देता है।

    वकील चाचा :- शकुन व अजय का वकील है, जो समय-समय पर उन्हें हिदायतें (सलाह) देता रहता है।

    फूफी :- शकुन की सेविका तथा संरक्षिका है।

    डॉक्टर जोशी :- एक सुयोग्य चिकित्सक है। एक सफल प्रेमी है, 11 व्यवहार कुशल है व स्वष्टवादी भी है।

    अन्‍य पात्र :- जोशी, मीरा, अमी, जोती, माली, चपरासी बन्सीलाल, टीटू आदि अन्‍य पात्र है।

    आपका बंटी उपन्यास की समीक्षा

    मन्नू भण्डारी ने 'आपका बंटी' में तलाकशुदा, पति-पत्नी के प्रश्न को बच्चे की समस्या के बिन्दु से उठाया है। 'बंटी' शिक्षित व स्वतन्त्र विचारधारा वाले माता-पित्रा शकुन व अजय का पुत्र है। शकुन व अजय दोनों ही अहम् भावना से ग्रस्त है, जिसके कारण उनके बीच कभी समझौता नहीं हो पाता और दोनों एक-दूसरे से अलग रहते हैं।

    'बंटी' चाहता है कि उसके पापा-मम्मी दोनों साथ रहे, किन्तु यह हो नहीं पाता और शकुन व अजय का तलाक हो जाता है। कुछ समय बाद शकुन, डॉ. जोशी से विवाह कर उनके घर चली जाती है, जहाँ डॉ. जोशी के दो बच्चे भी होते हैं। बंटी को नया घर और नए लोग अच्छे नहीं लगते। इस नए घर में 'बंटी' स्वयं को 'उपेक्षित' अमान्य महसूस करता है। अन्त में वह अपने पापा को फोन कर स्वयं को कलकत्ता ले जाने के लिए कहता है, किन्तु कलकत्ता जाकर भी उसकी दुविधा कम नहीं होती। वहाँ वह अपनी दूसरी माँ को स्वीकार नहीं कर पाता। अन्ततः बंटी की स्थिति दयनीय हो जाती है, क्योंकि माता-पिता होते हुए भी उसे अपनी जिन्दगी अनाथ की भाँति हॉस्टल में बितानी पड़ती है। 

    इस प्रकार हम देख सकते हैं कि नारी का शिक्षित होना उसकी आत्मनिर्भरता के साथ-साथ कई बार सामाजिक समस्याओं को बढ़ा देता है। अशिक्षित या रूढ़िवादी संस्कारों से ग्रसित नारी पूर्णतया परावलम्बित होने से कई बार अपमानजनक समझौतों को करते हुए भी दाम्पत्य जीवन को बचा लेती है, किन्तु आज की आधुनिक स्त्री आर्थिक दृष्टि से स्वनिर्भर होने पर इस प्रकार के समझौते के लिए तैयार नहीं होती। 

    उपन्यास में खण्डित (टूटे हुए रिश्ते) दाम्पत्य को दिखाना-मात्र लेखिका का लक्ष्य नहीं है अपितु खण्डित माता-पिता के बच्चे किन परिस्थितियों से गुजरते हैं यह दिखाया गया है। इस उपन्यास में कथानक की माँग के अनुरूप ही पात्रों का संयोजन किया गया है। वकील चाचा और शकुन के चरित्र एक-दूसरे को पूरी तरह प्रभावित करने में समर्थ हैं। तलाकशुदा माता-पिता की सन्तान 'बंटी' की दयनीय दशा का चित्रण भी कलात्मक ढंग से किया गया है। 'फूफी' शकुन की सेविका और संरक्षिका के रूप में चित्रित नज़र आती है। इस उपन्यास के संवाद संक्षिप्त व सरल हैं। पात्र, उनके समय, विचारधारा, रहन-सहन एवं अन्याय, आदि लक्षणों को सम्बल बनाकर उपन्यास की कथावस्तु को आगे बढ़ाते हैं।

    'आपका बंटी' की भाषा पात्रों के अनुरूप है। इस उपन्यास में सुशिक्षित और अशिक्षित पात्र हैं। शकुन, डॉ. जोशी, अजय, वकील चाचा, बंटी, अमी, जोती आदि शिक्षित पात्र हैं, जबकि फूफी, माली, चपरासी बंसीलाल आदि अशिक्षित पात्र है। मन्नू जी ने इस उपन्यास की भाषा में अंग्रेज़ी, संस्कृत के तत्सम, तद्भव, उर्दू, अरबी, फारसी के शब्दो का सुन्दर कलात्मक ढंग से प्रयोग किया है। 'आपका बंटी' में पात्रों के अचेतन मन एवं रिक्तता को दर्शाने के लिए सम्यक् भाषा का प्रयोग किया गया है। मन्नू जी की भाषा में प्रवाहित, मनोवैज्ञानिकता एवं मनोविश्लेषणात्मक दिखाई देती है।

    अन्ततः कहा जा सकता है कि यह उपन्यास एक नई बात, नए विचार, नई भाषा एवं नया भाव-बोध लेकर आने वाला हिन्दी का पहला सशक्त उपन्यास है।

    आपका बंटी उपन्‍यास के बारें में विद्वानों के कथन

    1. डॉ. रामदरशमिश्र जी इस उपन्यास के बारे में लिखते हैं- मैने एक विशेष दायरे की बात कही है वह दायरा है पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग, यानि ये लेखिकाएँ स्वयं जिस वर्ग की हैं। निम्नवर्ग की स्त्रियों का अनभव इनके पास नहीं है। उषा प्रियंवदा के दोनों उपन्यास 'रुकोगी नहीं राधिका' तथा पचपन खंभे लाल दिवारे' अति आधुनिक, पूढ़ी-लिखी स्वी की कथा कहते हैं, किन्तु दोनों उपन्यासों में स्वी स्वतंत्र निर्णय लेने की शाक्त शाकत रखने के बावजूद बेबसी और सामाजिक धिराव में अपने को अजीब बन्द पाती है। मुन्नू भण्डारी ने आपका बंटी' में तलाकशुदा, पति-पत्नी के प्रश्न को बच्चे की समस्या के बिन्दु से उठाया है। यह एक नया प्रश्न है।
    2. एडलर के अनुसार - प्रत्येक व्यक्ति में थोड़ी या बहुत हीन- भावना होती है, जो उसे दक्षति-पूर्ति के लिए सदैव प्रेरित करती रहती है।" टीटू के साथ नोक-झोंक और उसकी माँ के ताने सुनकर बंटी स्वयं को उपेक्षित समझने लगता है, जिसकी पूर्ति वह माँ और पापा के प्रति एकाधिकार में पाना चाहता है. लेकिन असफल होकर विरोधी और आक्रामक बन जाता है।
    3. जैनेन्द्र कुमार ने उपन्‍यास के बारे में कहा है - देना ही है तो एक क्चन दे दो कि हमारे बंटी भैया को जैसा आपने बिखरा दिया है आजकल, वैसा और मत करना बाप के रहते यह बिना बाप का हो रहा, अब माँ के रहते यह बिना माँ का न हो जाये।
    4. डॉ. मदान के अनुसार - एक तरफ यह उपन्यास आँसुओं से गीला लगता है, भावुकता से भीगा लगता है और दूसरी तरफ बंदी, मां और बाप दोनों से कटकर मिसकिट होने का बोया कराता है।
    5. डॉ. सुरेश सिन्हा के अनुसार - इस उपन्यास में भावाभिव्यंजना की सूक्ष्मृतः एवं भाषा की नई अर्थवत्ता का सौंदर्य है, जिसकी विशेष चर्चा होनी चाहिए।

    आपका बंटी उपन्‍यास के महत्वपूर्ण बिन्दु 

    1. आपका बंटी स्वतंत्र रूप से लिखा गया मन्नू भंडारी का पहला उपन्यास है। स्वतंत्र इसलिए कहा गया है कि इसके पूर्व, 'एक इंच मुस्कान' उपन्यास राजेन्द्र यादव के सहयोग से मन्नू भंडारी जी ने लिखा था।
    2. हिन्दी का यह पहला उपन्यास है जिसमें एक परिस्थिति में पड़े हुए बच्चे की मनः स्थिति का बहोत विस्तृत फलक पर चित्रांकन किया गया है।
    3. यह एक बाल मनोवैज्ञानिक उपन्यास है।
    4. यह 16 भागों में विभक्त एक लघु उपन्यास है।
    5. आधुनिक परिवेश में उत्पन्न संकटबोध और मूल्य-बोच्य को इस उपन्यास में उकेरा गया है।
    6. पति-पत्नी के बीच तनाव और अलगाव का निर्दोष, निरीह और असुरक्षित बच्चे पर क्या असर पड़ सकता है, आपका बंटी उसकी तस्वीर पेश करता है।
    7. हिंदी उपन्यास की एक मूल्यवान उपलब्धि के रूप में आपका बंटी एक कालजयी उपन्यास है।
    8. मन्नू भंडारी के चर्चित उपन्यास वर्ष 2018 में राधाकृष्ण प्रकाशन द्वारा इस उपन्यास की एक पटकथा को प्रकाशित किया गया है।

    आपका बंटी उपन्यास के पात्र

    Aapka Bunti Upanyas MCQ

    प्रश्‍न 01. तलाकशुदा माता-पिता की संतान की मानसिकता पर आधारित उपन्यास है?

    1. महाभोज
    2. अंधेरे बंद कमरे
    3. आपका बंटी
    4. शेखरः एक जीवनी

    उत्तर: 3. आपका बंटी



    प्रश्‍न 02. आपका बंटी के पात्र 'शकुन' और 'अजय' किस भावना से ग्रसित हैं?

    1. मार्क्सवादी
    2. प्रेमवादी
    3. अहंवादी
    4. आदर्शवादी

    उत्तर: 3. अहंवादी


    प्रश्‍न 03. निम्नलिखित में से सुमेलित नहीं है?

    1. शकुन- बंटी की माँ
    2. अजय बंटी का पिता
    3. मीरा- अजय की दूसरी पत्नी
    4. टीटू - बंटी का सौतेला भाई 

    उत्तर: 4. टीटू - बंटी का सौतेला भाई 


    प्रश्‍न 04. बाल मनोवैज्ञानिक से संबंधित उपन्यास हैं?

    1. तमस
    2. रागदरबारी
    3. धरती धन ना अपना
    4. आपका बंटी

    उत्तर: 4. आपका बंटी


    प्रश्‍न 05. आपका बंटी की कथावस्तु के संदर्भ में सही नहीं है?

    1. अवांछित तनाव से तलाक की समस्या
    2. शहरी जीवन के दिखावटी प्रेम का चित्रण
    3. दाम्पत्य तनाव का असर बच्चे पर
    4. दलित स्त्री शोषण

    उत्तर: 4. दलित स्त्री शोषण


    प्रश्‍न 06. आपका बंटी उपन्यास के विषय के लिए निम्न में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

    1. एक तलाकशुदा दम्पति का वर्णन
    2. बाल मनोवैज्ञानिक उपन्यास है
    3. आधुनिक परिवेश में उत्पन्न संकटबोध
    4. राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में लिखा उपन्यास

    उत्तर: 4. राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में लिखा उपन्यास


    प्रश्‍न 07. बंटी को किसके माध्यम से पता चलता है कि उसके माता पिता का तलाक हो गया है -

    1. प्रमिला
    2. चपरासी बंसीलाल
    3. टीटू
    4. मीरा

    उत्तर: 3. टीटू


    प्रश्‍न 08. अपने मन को मार लो, बस यही सबसे बड़ी तपस्या है-किस का कथन है?

    1. शकुन
    2. प्रमिला
    3. वकील चाचा
    4. फूफी

    उत्तर: 1. शकुन


    प्रश्‍न 09. मन्नू भंडारी द्वारा लिखित उपन्यास नहीं है?

    1. आपका बंटी
    2. महाभोज
    3. एक इंच मुस्कान
    4. यही सच है।

    उत्तर: 4. यही सच है।


    प्रश्‍न 10. जब आदमी एक जगह धोखा खाता है तो उसे लगता है, सब जगह धोखा ही धोखा है। पर ऐसा होता नहीं है। किस का कथन है -

    1. शकुन
    2. प्रमिला
    3. वकील चाचा
    4. फूफी

    उत्तर: 3. वकील चाचा